अब डिप्रेशन होगा छू मंतर! आगरा में पुलिस कर्मियों की होगी काउंसलिंग

Smart News Team, Last updated: Wed, 3rd Jun 2020, 2:49 PM IST
  • आगरा के ट्रैफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल अशोक कुमार हादसे का शिकार नहीं हुए थे। अधिकारी मान रहे हैं कि किसी तनाव के चलते उन्होंने आत्महत्या की है। दूसरा कोई पुलिस कर्मी ऐसा कदम नहीं उठाए, किसी को कोई परेशानी है तो उसके निराकरण और काउंसिलिंग के लिए एसएसपी ने एक सेल का गठन किया है।
प्रतीकात्मक तस्वीर

आगरा के ट्रैफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल अशोक कुमार हादसे का शिकार नहीं हुए थे। अधिकारी मान रहे हैं कि किसी तनाव के चलते उन्होंने आत्महत्या की है। दूसरा कोई पुलिस कर्मी ऐसा कदम नहीं उठाए, किसी को कोई परेशानी है तो उसके निराकरण और काउंसिलिंग के लिए एसएसपी ने एक सेल का गठन किया है। पुलिस कर्मी परामर्श सेल। पुलिस कर्मी इस सेल में विभाग ही नहीं अपने परिवार से संबंधित समस्याओं की भी शिकायत कर सकते हैं। उनका निस्तारण कराया जाएगा। परिवार के अन्य लोग भी शिकायत कर सकते हैं।

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि पूर्व में भी कई पुलिस कर्मी आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा चुके हैं। छानबीन में निकलकर आया कि उनके परिवार में विवाद था। किसी को बेटे के भविष्य की चिंता थी तो किसी का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था। पुलिस सभी की समस्याओं का निस्तारण करती है। पुलिस कर्मी ऐसी दिक्कत होने पर कहां जाएं। यह सोचते हुए पुलिस कर्मी परामर्श सेल का गठन किया गया है। पुलिस लाइन स्थित आदेश कक्ष के पास एक पेटिका लगवाई जाएगी। पुलिस कर्मी के परिवार के सदस्य भी इसमें शिकायत डाल सकते हैं। यह बता सकते हैं कि पुलिस कर्मी को किसी बात का तनाव तो नहीं है। उसे विभाग में ही कोई परेशान तो नहीं करता है। घर में किस कारण वह परेशान रहता है।

एसएसपी ने बताया कि सेल में मनोचिकित्सक रहेंगे। उनकी मदद से काउंसलिंग कराई जाएगी। पुलिस कर्मियों के परिवार से जुड़े मामलों को गोपनीय रखा जाएगा। इंस्पेक्टर से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक सोमवार से शुक्रवार तक अपनी शिकायत पेटिका में डाल सकते हैं। प्रत्येक शनिवार को पुलिस अधीक्षक लाइन द्वारा पेटिका को खोला जाएगा। प्रार्थना पत्र निकालकर पढ़ा जाएगा। समस्याओं को गंभीरता के आधार पर पीड़ित पक्ष को काउंसलिंग के लिए रविवार को बुलाया जाएगा।

जान बचा ली तो प्रयोग सफल होगा

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सभी समस्याओं का निस्तारण संभव नहीं है। यह हर कोई जानता है। वह तो सिर्फ बेहतर प्रयास करेंगे। उनके इस प्रयास से एक भी पुलिस कर्मी ने अपना आत्महत्या जैसा इरादा बदला तो लगेगा कि प्रयोग सफल हो गया। कई समस्याएं इतनी छोटी होती हैं कि उनका हल बहुत आसान होता है। पीड़ित व्यक्ति उनकी वजह से तनाव में रहता है मगर उनके निस्तारण का तरीका नहीं खोजता है। विशेषज्ञ पीड़ित पुलिस कर्मी और उसके परिजनों को यही समझाएंगे कि किन बातों का ध्यान रखना है।

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें