हरतालिका तीज पर इस बार 14 साल बाद बन रहा ‘रवियोग’, इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा

Pallawi Kumari, Last updated: Thu, 9th Sep 2021, 6:13 AM IST
  • हरतालिका तीज हर साल भाद्रपक्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतिया को मनाई जाती है. इस बार तीज का व्रत 9 सितंबर को रखा जाएगा. इस बार तीज पर 14 साल बाद अद्धुत महासंयोग बन रहा है, जिससे कि इस बार का हरतालिका तीज और भी खास है.
14 साल बाद तीज पर बन रहा रवियोग. फोटो साभार- हिन्दुस्तान

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि को मनाई जाने वाली तीज पर्व की खास विशेषताएं है. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए हर साल निराहार और निर्जला रहकर इस व्रत को करती हैं. सुखी दांपत्य जीवन औऱ पति की दीर्घआयु के लिए हरतालिता तीज का व्रत किया जाता है. लेकिन इस साल का तीज पूजा और व्रत के लिए उत्तम बताया जा रहा है. इसका कारण यह है कि इस बार तीज पर 14 साल बाद रवियोग बन रहा है, जिससे कि इस बार की पूजा और व्रत करने से दोगुना फल मिलेगा. रवियोग में तीज करने से आज व्रती महिला को माता पार्वती और शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा.

14 साल बाद बन रहा रवियोग का शुभ संयोग- चित्रा नक्षत्र के कारण हरतालिका तीज पर इस बार 14 साल बाद रवियोग बन रहा है. यह शुभ योग दोपहर ढाई बजे से अगले दिन यानी 1द सितंबर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. माना जाता है कि रवियोग में तीज का व्रत और पूजा करने से इसका शुभ फल मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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तीज पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- चर मुहूर्त- सुबह 10:13 से 11:47 तक. अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11:22 से 12:11 तक, अमृत मुहूर्त- दोपहर 1:20 से 2:53 तक, शुभ मुहूर्त शाम 4:26 से 5:59 तक, प्रदोफ मुहूर्त- शाम 5:26 से 8:51 तक.

त्रेता युग से हरतालिका तीज व्रत की परंपरा- हरतालिका तीज व्रत और पूजा करने क परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है. माता पार्वती ने पहली बार ये कठोर व्रत भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया. उन्होंने बालू (रेत) से भगवान शिव प्रतिमा बनाकर पूजा की. आझ भी कई जगहों पर महिलाएं मिट्टी से भोलेनाथ-पार्वती की से मूर्ति बनाकर पूजा करते हैं. आज पूरे दिन निराहार औऱ निर्जला रहकर भगवान पूजा की जाती है और कथा सुनी जाती है.

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