Lathmar Holi 2022: कब है लट्ठमार होली, जानें डेट, कथा, महत्व और इतिहास

Pallawi Kumari, Published on: Thu, 10th Mar 2022, 8:31 AM IST
राधारानी-कान्हा की लट्ठमार होली (फोटो साभार-लाइव हिन्दुस्तान)

फाल्गुन का महीना वसंत, उमंग, उल्लास ,प्रेम और कई पर्व त्योहारों से भरा होता है. खासकर मधुरा और ब्रज में होली की रौनक ही कुछ और होती है. ब्रजवासियों की होली देश-दुनिया में मशहूर है. बात करें होली से पहले लट्ठमार होली की तो हर साल फाल्गुन के शुक्ल पक्ष नवमी के दिन लट्ठमार होली खेली जाती है.नवमी तिथि को बरसाना में और दशमी को नंदगांव में लट्ठमार होली मनाई जाती है. कई जगहों पर लट्ठमार होली के दिन विशेष आयोजन भी किए जाते हैं, जोकि पूरे हफ्ते यानी होली तक चलती है. जानते हैं कैसे शुरू हुई लट्ठमार होली की परंपरा.

कब है लट्ठमार होली

इस साल 2022 शुक्रवार 11 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली मनाई जाएगी. इसके अगले दिन शनिवार 12 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी. लट्ठमार होली के एक दिन पहले बरसाना के लाडली जी मंदिर से होली का निमंत्रण नंदगांन के नंदमहज जाता है, जब शाम से इस निमंत्रण को स्वीकार किया जाता है तो पहले लाडली जी के मंदिर में लड्डू होली खेली जाती है. आज 10 मार्च को लाडली जी के मंदिर से निमंत्रण नंदगांव जाएगा और फिर लड्डू होली खेली जाएगी.

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लट्ठमार होली की परंपरा-

श्रीकृष्ण और राधारानी से लट्ठमार होली की परंपरा शुरू हुई थी. कहा जाता है कि एक बार श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधा और गोपियों संह होली खेलने के लिए बरसाना पहुंचे थे. कृष्ण अपने मित्रों के साथ राधा और गोपियों को सताने लगे, जिससे सभी परेशान हो गई. राधा और गोपियों रंगों से बचने के लिए उनपर लाठियां बरसानी शुरू कर दी.गोपियों और राधा की लाठियों से बचने के लिए कृष्ण और उनके मित्रों ने ढालों का इस्तेमाल किया. लेकिन धीरे-धीरे उनके ये होली खेलने का तरीका परंपरा में बदल गया. तब से लेकर आज कल इसी परंपरा के अनुसार लट्ठमार होली खेली जाती है.

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