कोरोना काल में खुलेआम काटी जा रही जेब, MRP से 100 रुपये अधिक में बिक रही शराब
- शराब के ठेके तो खुल गए हैं, मगर कोरोना काल में भी हेरा-फेरी जमकर हो रही है। शहर में ठेकों पर पुराने शराब के स्टॉक पर एमआरपी की नई चिट लगाकर बेची जा रही है, जो निर्धारित मूल्य से 100 रुपये तक अधिक है।

आगरा, मोहन श्याम
कोरोना वायरस संकट को लेकर जारी लॉकडाउन में शराब की दुकानें बंद थीं, मगर अनलॉक वन के साथ ही अब आगरा शहर में भी शराब के ठेके खुल गए हैं। शराब के ठेके तो खुल गए हैं, मगर कोरोना काल में भी हेरा-फेरी जमकर हो रही है। शहर में ठेकों पर पुराने शराब के स्टॉक पर एमआरपी की नई चिट लगाकर बेची जा रही है, जो निर्धारित मूल्य से 100 रुपये तक अधिक है।
दरअसल, लॉकडाउन में मिली रियायतों के बाद ग्रामीण इलाकों के बाद अब नगर क्षेत्र में भी ठेके खुल गए हैं। सरकार ने मदिरा के नए रेट निर्धारित कर दिए हैं और पुराना स्टॉक पुराने रेट में ही बेचने का आदेश है। मगर ऐसा हो नहीं रहा है। नए ठेकों का आवन्टन भी विभाग ने कर दिया है। अधिकांश ठेके पुराने लोगों को ही मिल गए हैं। जिसका वह भर पूर फायदा उठा रहे हैं और निर्धारित मूल्य में हेराफेरी कर के लाखों रुपये कमा रहे हैं।
शराब के ठेके संचालकों में न तो कानून का भय दिख रहा है न ही प्रशासन का खौफ। ठेके मालिकों ने पुराने माल के स्टॉक पर नए रेट के आधार पर एमआरपी चिट लगा दी है, जो वास्तविक मूल्य से 30 से 100 रुपये अधिक है। बोतल के बॉक्स पर वास्तविक मूल्य अंकित है। मगर बॉक्स के अन्दर बोतल पर ऊपर से चिपकाई हुई नई एमआरपी है।
ग्राहक को नए रेट का हवाला देकर प्रत्येक बोतल पर बड़ी कमाई की जा रही है। खुलेआम जेब काटी जा रही है और उपभोक्ता के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिला प्रशासन और अबकारी विभाग भी इन पर कार्रवाई करने से बच रहा है।
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