मुहर्रम 2021:हजरत इमाम हुसैन के 5 विचारों और उद्देश्य से मिलेगी जीवन में प्रेरणा

Smart News Team, Last updated: Wed, 18th Aug 2021, 10:44 AM IST
  • इस्लाम में मुहर्रम का खास महत्व होता है. मुहर्रम में ऐसी घटनाएं घटित हुई है, जिसका वर्णन इतिहास में मिलता है. हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मुहर्रम मनाया जाता हैय हजरत इमाम हुसैन के जीवन से लोगों के ये पांच बातें जरूर सीखनी चाहिए.
हज़रत इमाम हुसैन के विटार. फोटो साभार-सोशल मीडिया

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है. मुहर्रम को शोक का महीना कहा जाता है. 9 अगस्त की शाम चांद दिखने के बाद मुहर्रम महीने की शुरूआत हो चुकी है. 7 सितम्बर मुहर्रम का महीना खत्म हो जाएगा. शिया समुदाय के लोग इस महीने के नौवें या दसवें दिन रोजा रखते हैं और हज़रत इमाम हुसैन को कर्बला में दफनाया जाता है. मुहर्रम के दिन हज़रत इमाम हुसैन सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत को याद करते हुए मातम मनाया जाता है. इस बार मुहर्रम 19 अगस्त 2021 को भारत में है.

इस्लाम में मुहर्रमे महीने में बहुत सारी महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख मिलता है.मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत को याद करते हुए मातम मनाया जाता है. हजरत इमाम हुसैन ने अपने विचारों और से लोगों को खूब प्रभाविक किया. आज भी हर किसी को हजरत इमाम हुसैन के विचारों और उद्देश्यों से जीवन में प्रेरणा मिलती है.

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हजरत इमाम हुसैन के ये पांच विचार औऱ उद्देश्य-

शर्मनाक जीवन से कहीं बेहतर होता है सम्मानजनक मौत.

जब तक आप अधिकारों की वकालत नहीं करते, आपकी बुद्धि पूर्ण नहीं है.

हमेशा नेकी के रास्ते पर चलो, चाहे वह कितना भी कठिन हो.

सबसे अच्छा शासक वही है जो क्रूरता को समाप्त करता है और न्याय के लिए खड़ा होता है.

पीठ पीछे किसी की बात करते समय वही बोलें जो आप अपने बारे में सुनना चाहेंगे.

इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए कई राज्यों के सरकार ने मुहर्रम के जुलूस और ताजिया निकालने पर रोक लगा दी है.कई राज्यों में मुहर्रम के लिए गाइडलाइ जारी कर दी गए. इनका उद्देश्य मुहर्रम में होने वाली भीड़ भाड़ को कम करना है. हालांकि लोग ताजिया और अलम की स्थापना अपने घरों में कर सकेंगे. इसके लिए कोई रोक नहीं होगी.

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