नागपंचमी के मौके पर यानी आज मंदिरों में किया जाएगा विशेष आयोजन
- 13 अगस्त यानी की आज नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. जो भी भक्त विधि-विधान से इस दिन नाग देवता की पूजा करते हैं, उन पर नाग देव विशेष कृपा बरसाते हैं.

भारती संस्कृति में प्रकृति से जुड़े तत्वों जैसे पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों आदि को बहुत ही ज्यादा विशेष स्थान दिया गया है. भारत देश में कई ऐसे व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं तो मुख्य रूप से इन्ही प्राकृतिक तत्वों पर आधारित रहते हैं. नाग पंचमी भी इन्हीं में से एक है, जो सावन महीने की शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है. इस दिन नागों की पूजा बिशेष तरीके से की जाती है. भगवान शिव के बेहद ही प्रिय माने जाते हैं नाग देवता. यही कारण है कि भगवान शिव की पूजा भी इस दिन होती है.
ये है नाग पंचमी का मुहूर्त
12 अगस्त 3 बजकर 24 मिनट से इस साल पंचमी तिथि की शुरुआत हो चुकी है जो 13 अगस्त 1 बजकर 42 मिनट तक रहने वाली है. पं अरविंद मिश्रा के अनुसार 13 अगस्त यानी की आज नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. इसके साथ ही पूजा के लिए जो सबसे ज्यादा शुभ मुहूर्त रहने वाला है वो है 13 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट से लेकर 8 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है. कई जगह शहर के मंदिरों में धार्मक अनुष्ठान भी किया जाएगा. महंत निर्मल और योगेश पुरी का कहना है कि शिव भक्त देवाधिदेव महादेव के साथ नागराज की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने वाले हैं.
इस समय तक कर लें नाग पंचमी की पूजा, नाग देवता करेंगे आपके घर की सुरक्षा
इस दिन नाग देवता को श्रद्धालु दूध-लावा का भोग लगाएंगे और विशेष प्रकार की पूजा करेंगे. दरसल शुक्ल पक्ष की पंचमी का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि भगवान शिव ने गले में नाग देवता को इस दिन ही धारण किया था. इस दिन श्रद्धालु सिर्फ नाग राज की ही नहीं बल्कि राजा तक्षक की भी पूजा करेंगे. शहर में श्रद्धालु इस लि अपने-अपने घरों में कटहल के पत्तों पर दूध- लावा रखेंगे और विधि-विधान से पूजा करेंगे. इतना ही नहीं बल्कि कई घरों में तो गाय के गोबर में सरसों मिलाकर दीवारों पर नाग देवता की आकृति भी बनाई जाती है. शास्त्रों पर गौर करें तो भोले नाथ ने गले में नाग देवता को इसलिए विराजमान करवाया था कि समस्त दुर्गुणों का त्याग होगा.
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