भोपाल के इस माता मंदिर में मन्नत पूरी होने पर चढ़ाई जाती हैं चप्पल, ये है मान्यता

Nawab Ali, Last updated: Tue, 12th Oct 2021, 10:51 AM IST
  • मध्यप्रदेश के भोपाल में पहाड़ी पर स्थित दुर्गा माता के मंदिर में मन्नत पूरी होने चप्पल या सैंडल चढ़ाने की परंपरा है. इस मंदिर में देवी मां की कन्या के रूप में पूरे साल पूजा की जाती है.
भोपाल में पहाड़ी पर स्थित दुर्गा मंदिर में चढ़ाई जाती है चप्पल.

भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल में दुर्गा माता का ऐसा मंदिर है जहां पर मन्नत पूरी होने पर चप्पल चढ़ाने की परंपरा है. आपको यह बात थोड़ी हैरान करेगी लेकिन भोपाल के पहाड़ी पर बना यह प्राचीन मंदिर जिसे सिद्धिदात्री पहाड़वाला मंदीर या जीजीबाई मंदिर भी कहा जाता है. अगर आप देवी मां से कोई भी मन्नत मांगते हैं तो उसके पूरे होने पर मंदिर में चप्पल या सैंडल चढ़ाई जाती है. चप्पल चढ़ाने की परंपरा वाला यह देश ही नहीं पूरी दुनिया में एक मात्र ऐसा मंदिर है. भोपाल के कोलार में यह मंदिर स्थित है.

आप देश-विदेश के तमाम मंदिर गए होंगे लेकिन कहीं भी ऐसा मंदिर नहीं देखा होगा जहां पर मंदिर में चप्पल या सैंडल चढ़ाने की परंपरा हो. आपको जानकर थोड़ी हैरानी जरुर होगी कि जिस चप्पल को हम घर के अंदर लाना पसंद नहीं करते वो भला मंदिर में देवी मां को क्यों चढ़ाई जाएगी. लेकिन भोपाल के कोलार में पहाड़ी पर बसे दुर्गा माता के मंदिर में मन्नत पूरी होने पर चप्पल या सैंडल चढ़ाई जाती है. साथी ही श्रृंगार का भी सारा सामान देवी मां को भेंट किया जाता है. लगभग तीस साल पहले इस मंदिर के गुरु जी ने कन्यादान किया था कहा जाता है कि कन्यादान के रूप में उन्हें देवी मां मिली थी. मान्यता है कि एक कन्या के रूप में ही उनका श्रृंगार किया जाता है.

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इस लिए मंदिर में छोटे चप्पल चढ़ाये जाते हैं. नवरात्री के दिनों में देवी मां कन्या के रूप में धरती पर आती हैं इस लिए कन्या पूजन किया जाता है. भोपाल की पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में पूरे साल कन्या के रूप में ही पूजा की जाती है. अब आप सोच रहे होंगे की इन चप्पल या सैंडल का क्या होता होगा. आपको बता दे कि इन चप्पल और सैंडल को आसपास के निर्धन बच्चों को पुजारियों की ओर से उन्हें भेंट कर दिया जाता है.

 

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