भोपाल: स्वास्थ्य अधिकारी ने कोडवर्ड में मांगी रिश्वत, 5 नहीं 10 लीटर दो फिनाइल
- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल नगर निगम के एक सहायक स्वास्थ्य अधिकारी ने प्रतिबंधित पॉलिथिन का धंधा करने की मौखिक अनुमति देने के बदले एक व्यापारी से रिश्वत मांगी. उन्होंने कोडवर्ड में कहा कि पांच लीटर फिनाइल से काम नहीं चलेगा, पूरे दस लीटर देना होगा.
भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल नगर निगम के एक सहायक स्वास्थ्य अधिकारी ने प्रतिबंधित पॉलिथिन का धंधा करने की मौखिक अनुमति देने के बदले एक व्यापारी से रिश्वत मांगी. उन्होंने कोडवर्ड में कहा कि पांच लीटर फिनाइल से काम नहीं चलेगा, पूरे दस लीटर देना होगा. बता दें कि, रिश्वत कम होने की वजह से उस व्यापारी को पैसे लौटा दिया गया.
बता दें कि, भोपाल नगर निगम में सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अजय श्रवण जोन नंबर पांच में पदस्थ हैं. सिंधी कॉलोनी के एक व्यापारी पंकज खूबचंदानी से अजय श्रवण मिले थे और उनसे कहा था कि अगर उन्हें पॉलिथिन का व्यापार करना है तो दस हजार रुपए हर महीने देना होंगे. जिसके बाद व्यापारी ने नौ फरवरी में जब पंकज को पांच हजार रुपए की रिश्वत की राशि भेजी तो उसने लौटा दी थी. असंतुष्ट अधिकारी ने मोबाइल फोन पर अपने अधीनस्थ सतीश टांक के माध्यम से बात करते हुए पंकज व्यापारी को कहा कि पांंच लीटर फिनाइल से काम नहीं चलेगा, पूरी दस लीटर फिनाइल देना होंगे.
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स्वास्थ्य अधिकारी की इस मांग पर लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की गई तो दस फरवरी को फिर उससे बात हुई. गुरुवार की देरशाम को जब वे मुख्य रेलवे स्टेशन के पास सफाई करा रहे थे तो पंकज ने उनसे संपर्क किया. उन्होंने पंकज को वहीं बुला लिया और जब लोकायुक्त पुलिस की टीम योजनाबद्ध ढंग से निरीक्षक उमा कुशवाह के नेतृत्व में वहां पहुंची तो अजय श्रवण वहां नहीं मिला. उसने मोबाइल फोन पर व्यापारी पंकज को सतीश टांक को फिनाइल देने की बात कही तो दस हजार रुपए की राशि सतीश से लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों जप्त की और अजय श्रवण के खिलाफ पीपुल्स मॉल के पीछे स्थित सुख सागर कॉलोनी में उनके घर कार्रवाई की गई.
वहीं, रिश्वत की राशि सतीश टांक से जप्त होने के बाद लोकायुक्त पुलिस की दूसरी टीम मनोज पटवा के नेतृत्व में सुख सागर स्थित अजय श्रवण के घर सर्चिंग टीम पहुंची. उसके घर सोने-चांदी के करीब दो लाख के जेवरात मिले और 12 हजार रुपए की नकद राशि मिली. कुछ बीमा पॉलिसी के रिकॉर्ड भी मिले हैं. इसके अलावा एक बैंक लॉकर भी मिला है जिसकी जांच के लिए बैंक को लिखा गया है.
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