मध्यप्रदेश के किसानों को साढ़े 15 हजार करोड़ से ज्यादा बिजली अनुदान देगी शिवराज सरकार

Swati Gautam, Last updated: Tue, 19th Oct 2021, 2:55 PM IST
  • मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केबिनेट बैठक में किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए 15 हजार 722 करोड़ रुपये का अनुदान देने का ऐलान किया है. साथ ही प्रदेश के 80 आदिवासी विकासखंडों में आपका राशन आपके द्वार योजना को प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं.
मध्यप्रदेश के किसानों को साढ़े 15 हजार करोड़ से ज्यादा बिजली अनुदान देगी शिवराज सरकार (file photo)

भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मगंलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कैबिनेट बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया. जिसमें सीएम ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए 15 हजार 722 करोड़ रुपये का अनुदान देगी. इसके साथ ही आदिवासी विकासखंडों में आपका राशन आपके द्वार योजना की शुरुआत की जायेगी. इस योजना के तहत खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकान से सीधे उनके गांव तक पहुंचाया जाएगा.

कैबिनेट की बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि असमय वर्षा के कारण प्रदेश के कुछ भागों में हमारे किसान भाई बहन की फसलों को नुकसान पहुंचा है. मैं सभी किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं, वो बिल्कुल चिंता ना करें. जहां फसलों को नुकसान हुआ है, वहां मैंने सर्वे के निर्देश दे दिए हैं, सर्वे करके क्षति का आकलन किया जाएगा और किसानों को राहत पहुंचाई जाएगी. इसके चलते ही प्रदेश सरकार किसानों को 15 हजार 722 करोड़ रुपये का अनुदान देगी. यह अनुदान सरकार राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की प्रति यूनिट तय दर में उपभोक्ता को छूट देने के एवज में बिजली कंपनियों को प्रतिपूर्ति के लिए रूप में देगी.

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सीएम ने इस बैठक के दौरान बताया कि आपका राशन आपके द्वार योजना को प्रारंभ करने का फैसला लिया गया है. इसके तहत उपचुनाव वाले क्षेत्रों में आचार संहिता की वजह से अभी 80 विकासखंडों में योजना लागू होगी. इस यौन में सात हजार 511 गांवों में वाहनों की सहायता के राशन पहुंचाने का कार्य कराया जाएगा. जिससे करीब 23 लाख उपभोक्ताओं को अब राशन दुकान के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी. इस बैठक के दौरान गृहमंत्री ने भी कहा कि इस कदम को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए क्‍योंकि इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने 18 सितंबर को जबलपुर में की थी. साथ ही यह भी तय किया गया कि 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा.

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