ससुर ने तलवार से काट दिए बहू के दोनों हाथ, 6 डॉक्टर ने 9 घंटे सर्जरी कर जोड़ी दोनों कलाइयां
- घरेलू विवाद के चलते ससुर ने तलवार से अपनी बहू के हाथ काट डाले. तलवार से वार से महिला के दोनों हाथों की खून की नसें कट गईं, हड्डी टूट गई और दोनों हाथ कलाई के पास से लटक गए थे. 6 डॉक्टर्स की टीम ने 9 घंटे तक सर्जरी की और डॉक्यर्स महिला के दोनों हाथों को बचाने में सफल रहे.

भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल में दिल दहला देने वाली खबर आई है जहां घरेलू विवाद के चलते ससुर ने तलवार से अपनी बहू के हाथ काट डाले. तलवार से वार से महिला के दोनों हाथों की खून की नसें कट गईं, हड्डी टूट गई और दोनों हाथ कलाई के पास से लटक गए थे. गंभीर हालत में महिला के परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए. जहां 6 डॉक्टर्स की टीम ने 9 घंटे सर्जरी के बाद महिला के दोनों हाथों को बचा लिया. नर्मदा अस्पताल के ट्रामेंटोलोजिस्ट व स्पाइन सर्जन डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि हमले में महिला के हाथ की बारीक नसों को बहुत नुकसान हुआ था. इनको जोड़ना बहुत मुश्किल था. इस कारण सर्जरी लंबी चली फिर भी हम महिला के दोनों हाथ बचाने में सफल रहे.
जानकारी अनुसार अजय उसकी 47 साल की पत्नी सुनीता और बेटा संजू अपनी बुआ के साथ रहते हैं. महिला का ससुर विदिशा के बालाजी मंदिर का पुजारी है. महिला ने बताया कि वहा 11 नवंबर की सुबह घर पर अकेली थी. करीब 7.30 बजे ससुर कैलाश नारायण चतुर्वेदी आया और किसी घरेलू विवाद के चलते बहस करने लगा. विवाद को काफी देर हो गई तो सीमा ने उसकी शिकायत पुलिस थाने में करने की बात कही. इतनी ससुर कैलाश ने तलवार उठा ली और सीमा पर लगातार 5-6 वार कर दिए. वार इतने गहरे थे की महिला की दोनों कलाइयों की खून की नसे कट गईं और हड्डी टूट गई. समय पर महिला को हॉस्पिटल ले जाया गया जिससे महिला के हाथों को बचा लिया गया.
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बताया जा रहा है ससुर कैलाश बेहद सनकी मिजाज का है. वह बहू पर हमला करने के बाद मौके पर ही मौजूद रहा. और लगातार एक ही बात कहता रहा कि वहा पुलिस से नहीं डरता. इतना ही नहींहमले की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची तो बिना किसी विरोध के पुलिस की गाड़ी में बैठ गया. वहीं बता दें कि महिला के हाथों को वापस जोड़ने में सफल रहे डॉक्टर्स की ऑपरेशन करने वाली टीम में क्रिटिकल केअर स्पेशलिस्ट डॉ. रेणु शर्मा के अलावा प्लास्टिक सर्जन डॉ. विशाल रामपुरी, वेस्कुलर सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत यशवंते, फिजिशियन डॉ. गोपाल बाटनी और जनरल सर्जन समेत अन्य स्टाफ भी शामिल रहा. टीम की मेहनत से सुनीता के दोनों हाथ बच गए.
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