MP: दो करोड़ रुपये प्याज घोटाले की जांच IAS अधिकारी कल्पना श्रीवास्तव को मिली

Smart News Team, Last updated: Mon, 20th Dec 2021, 1:19 PM IST
मध्य प्रदेश में उद्यानिकी विभाग में कथित रूप से दो करोड़ रुपये का प्याज घोटाला हुआ है. इस मामले की जांच विभाग की प्रमुख सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कल्पना श्रीवास्तव कर रही हैं. उन्होंने विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर मामले को संज्ञान में लिया था. साथ ही जांच के आदेश दिए थे. 
एमपी में प्याज घोटाले की जांच का आदेश IAS कल्पना श्रीवास्तव को किया गया शंट

भोपाल. उद्यानिकी विभाग में कथित रूप से प्याज घोटाला हुआ है. इस मामले की जांच विभाग की प्रमुख सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कल्पना श्रीवास्तव कर रही हैं. उन्होंने विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर मामले को संज्ञान में लिया था. साथ ही जांच के आदेश दिए थे. घोटाल में कल्पना श्रीवास्तव ने तत्कालीन आयुक्त मनोज अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की थी. शनिवार शाम को कल्पना श्रीवास्तव का विभाग से तबादला हो गया है. उन्हें नई पोस्टिंग नहीं दी गई है. इसके बाद सवाल उठ रहे हैं.

इसके साथ ही निदेशालय में आयुक्त के पद पर तैनात एक आईएफएस अफसर का भी उसी समय तबादला कर दिया गया है. वहीं, इनके तबादले को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं कि सरकार की तरफ से छुट्टी के दिन यह आदेश जारी किया गया था. उनका तबादला तब हुआ है, जब ईओडब्ल्यू ने इस मामले की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कर ली थी. साथ ही कथित प्याज घोटाले की जांच कर रही थी.

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पहली बार दिखी भारतीय रेगिस्तानी बिल्ली


वहीं, उद्यानिकी विभाग के एमपी राज्य कर्मचारी संघ ने सीएम को पत्र लिखकर तबादले का विरोध किया है. सूत्रों के अनुसार अपने काम की वजह से कल्पना श्रीवास्तव को कई सम्मान मिला है. वह पीएम मोदी के हाथों भी सम्मानित हो चुकी हैं.

उद्यानिकी विभाग में प्रमुख सचिव रहते हुए कल्पना श्रीवास्तव ने दो करोड़ रुपये की प्याज खरीद की जांच शुरू की थी, जब एक किसान मुकेश पाटीदार ने यह आरोप लगाया था कि प्याज खरीदी में मानदंडों का उल्लंघन हुआ है. खरीद राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत की गई थी.

भोपाल के पहले पुलिस कमिश्नर होंगे मकरंद देउस्कर, इंदौर की कमान हरिनारायण के हाथ

अगस्त में दिए थे जांच के आदेश
वहीं, प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव ने अगस्त में आदिवासी इलाकों में किसानों को 100 करोड़ रुपये मूल्य के चीन निर्मित उपकरण की आपूर्ति में कथित घोटाले की जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने एमपी एग्रो डिपार्टमेंट से मामले की जांच करने को कहा था.

सूत्रों के अनुसार 2017-2019 के बीच कृषि मशीनीकरण योजना जांच के दायरे में थी, जिसके तहत छत्तीसगढ़ की एक कंपनी ने 11 आदिवासी बाहुल्य जिलों में किसानों को पावर टिलर प्रदान किए थे. आरोप था कि किसानों को 2 एसपी पावर टिलर 5 एचपी मशीनों की दर पर दिए गए थे.

आरोप है कि डीलरों ने किसानों के फर्जी पावती प्रमाण पत्र जमा कर उनके सीधे खातों में राशि जमा करा दी.कई आदिवासी किसानों ने शिकायतें दर्ज कराईं, जिसके बाद राज्य सरकार ने जांच कराने का फैसला किया है. यह योजना उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के माध्यम में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए थी. इस मामले की जांच लोकायुक्त कर रही है.

अन्य खबरें