MP Medical Admission: अब MBBS की सीट छोड़ने पर देने होंगे 10 लाख रुपये, जानें नियम

Naveen Kumar, Last updated: Fri, 11th Mar 2022, 1:15 PM IST
  • मध्य प्रदेश की निजी एवं सरकारी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अंडर ग्रेजुएशन कोर्स के लिए सीटें आवंटित कर दी गई हैं. अब अभ्यर्थी प्रवेश नहीं लेता है तो उसे 10 लाख रुपये का बांड भरना होगा.
फाइल फोटो

भोपाल. मध्य प्रदेश की निजी एवं सरकारी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए सेकंड राउंड काउंसलिंग के बाद सीटों का आवंटन कर दिया गया है. सीट मिलने के बाद यदि कोई अभ्यर्थी प्रवेश नहीं लेता है, तो उसे 10 लाख रुपये का बांड भरना होगा. उसे सीट एवज में 10 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि जो सीटें आवंटित की गई हैं, उन सभी में दाखिले हो जाएंगे.

चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण की काउंसलिंग के बाद भी सरकारी ​मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 170 सीटें खाली रह गई थीं. इन सीटों को भरने के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग कराई गई, जो गुरुवार को पूरी हो गई. इसके साथ ही दूसरे चरण में खाली 170 सीटों का आवंटन कर दिया गया. वहीं, प्रदेश के एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज में भी बीडीएस की खाली पड़ी 29 सीटों का आवंटन कर दिया गया है. दोनों चरण के बाद प्रदेश की सरकारी मेडिकल कॉलेजों और डेंटल कॉलेजों में सभी सीटों को भर दिया गया है. वहीं, निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और एनआरआई की राज्य कोटे की 637 में से 56 सीटें छोड़कर सभी सीटों का आवंटन किया गया है.

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चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि एनआरआई की 56 सीटों को माप दौर के बाद भरा जाएगा. सबसे सीटें एनआरआई उम्मीदवारों को अलॉट की जाएंगी. इसके बाद अगर उम्मीदवार नहीं होते हैं तो ओपन कैटेगरी के उम्मीदवारों को सीटों का आवंटन किया जाएगा. दूसरे चरण में राज्य के 13 डेंटल कॉलेजों में बीडीएस की 840 सीटें खाली थीं. वहीं, सीटों के आवंटन के बाद भी 600 से ज्यादा सीटें खाली हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 13 सरकारी और 11 निजी मेडिकल कॉलेज हैं. इसी तरह एक सरकारी और 13 डेंटल कॉलेज हैं. वहीं, अब नियमों के मुताबिक, आवंटन के बाद सीटे छोड़ने वाले अभ्यर्थियों को बांड के रूप में 10 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.

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