अब कुत्ते-बिल्ली की तरह तेंदुआ, अजगर, भालू, मगरमच्छ भी ले सकेंगे गोद, बस इतना पैसा...

Swati Gautam, Last updated: Sat, 18th Sep 2021, 5:46 PM IST
  • वन विभाग की ओर से 1 अक्टूबर से अभियान शुरू किया जा रहा है जिसमें जंगली जानवरों को गोद लेने वाली योजना का प्रचार प्रसार किया जाएगा. जिसमें सिंह और बाघ को गोद लेने के लिए सालाना दो लाख, तेंदुआ और भालू लेने किया एक लाख, मगरमच्छ और घड़ियाल को पांच हजार और सबसे सस्ते अजगर को केवल 800 रुपए में गोद लिया जा सकता है.
अब कुत्ते-बिल्ली की तरह  तेंदुआ, अजगर, भालू, मगरमच्छ भी ले सकेंगे गोद, बस इतना पैसा... (फाइल फोटो)

भोपाल. कुत्ते बिल्ली को तो बहुत गोद लेते हुए सुना होगा लेकिन जंगली जानवरों को गोद लेना शायद अपने न सुना हो. अगर आपका भी मन करता है कि आपके पास पैट के रूप में अजगर, तेंदुआ, घड़ियाल, भालू और बाघ हो तो यह मौका आपको वन विहार दे रहा है. और यह योजना अभी नहीं शुरू की गई है बल्कि यह एक दशक पुरानी योजना है जिसे फिर से शुरू करने के लिए प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है. साथ में एक लिस्ट में जारी की गई है जिसमें प्राणियों के नाम बताए जा रहे है. इसे अभियान के तौर पर चलाया जाएगा.

वन विहार की योजना के मुताबिक जंगली जानवरों को गोद लेने के लिए पर्यटक को शुल्क चुकाना होगा जो कि 1 महीना, 3 महीना, आधा साल और एक पूरा साल के आधार पर तय है. इस लिस्ट में सिंह और बाघ को गोद लेने के लिए सालाना दो लाख रुपए या महीने में 17 हजार रुपए देकर गोद लिया जा सकता है. तेंदुआ और भालू लेने के लिए साल के एक लाख और महीने के 9000 रुपए देने होंगे. मगरमच्छ और घड़ियाल को पांच हजार में एक महीने के लिए लिया जा सकता है. सबसे सस्ते में अजगर मिल सकता है जो कि केवल 800 रुपए मासिक या आठ हजार रुपए सालाना शुल्क देकर गोद लिया जा सकता है.

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बता दें कि यह योजना एक दशक से चलती आ रही है जिसमें लोग पहले किसी खास अवसर को यादगार बनाने के लिए जानवरों को गोद लिए जाते थे लेकिन धीरे-धीरे यह योजना खत्म होने की कगार पर है. पिछले 12 सालों में अब तक 78 वन्य प्राणियों को गोद लिया जा चुका है और इस साल केवल तीन जंगली जानवरों को गोद लिया गया है. लोगों को इस योजना के बारे में अभी तक मालूम ही नहीं है. इसलिए लोगों की जानकारी बढ़ाने और वन्य प्राणियों को गोद लेने के लिए प्रेरित करने के लिए वन विहार ने एक अक्टूबर से अभियान शुरू करने जा रहा है जिसमें इस योजना का नए सिरे से प्रचार प्रसार किया जाएगा और इसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा.

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