किसानों के कर्ज को लेकर MP सरकार का बड़ा कदम, बैंक खातों को जमीन से जोड़ेगी सरकार

Haimendra Singh, Last updated: Mon, 8th Nov 2021, 2:34 PM IST
  • कर्ज और मुआवजे के मामले में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए एमपी सरकार ने किसानों की जमीनों का लैंड डिजिटाइजेशन करने का फैसला किया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान.( फाइल फोटो )

भोपाल. मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने किसानों के कर्ज और मुआवजे में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने राज्य के सभी किसानों के कर्ज और मुआवजा को जमीनों से जोड़ने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले से कर्ज और मुआवजों में दो या उससे अधिक बार रकम लेने के मामलों में रोकथाम हो सकेगी. साथ ही इस बात का पता लगाया जा सकेगा, किन किसानों को अब तक मुआवजे की राशि प्राप्त हो चुकी है. लैंड डिजिटाइजेशन के साथ इस व्यवस्था को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा.

मिली जानकारी के अनुसार, लैंड डिजिटाइजेशन के 75 से 80 फीसदी कार्य को पूरा कर लिया है. लैंड डिजिटाइजेशन से सरकार की कोशिश है कि एक ही जगह किसानों से जुड़ा सारा डाटा उपलब्ध हो सके. साथ ही नया कर्ज देने पर इसका रिकॉर्ड देखकर आसानी से पता किया जा सकेगा, कि किसान पर इसी जमीन पर इससे पहले का तो कर्ज नहीं है. मुआवजे का डाटा तो राहत आयुक्त कार्यालय से उपलब्ध हो सकता है लेकिन कर्ज का रिकॉर्ड तो सिर्फ बैंकों से ही उपलब्ध होगा. इसके लिए जल्द ही कोई व्यवस्था की जाएगी.

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गड़बड़ी को रोकना सरकार की प्राथमिकता

इस फैसलो के लागू करने के पीछे सरकार की प्राथमिकता है कि इससे किसानों कर्ज और सरकार द्वारा मिले मुआवजे की सही रुप में जानकारी मिलेंगी. सरकार का तर्क है कि कभी-कभी कर्ज और मुआवजे के मामलों में किसानों की जमीनों पर दो या उससे ज्यादा बार गड़बड़ी के मामले सामने आते है, इससे उन किसानों तक मुआवजे की सहीं रकम नहीं पहुंच पाती, जो सहीं मायने में सहायता के हकदार है. इसी को रोकने के लिए सरकार ने लैंड डिजिटाइजेशन करने का फैसला किया है.

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