छुट्टी के लिए इंजीनियर ने अपनाया अजीब तरीका, ओवैसी को नकुल, मोहन भागवत को बताया शकुनी

Shubham Bajpai, Last updated: Sun, 10th Oct 2021, 3:07 PM IST
  • MP में एक इंजीनियर ने रविवार की छुट्टी मांगने के लिए अजीब तरीका अपनाया. इंजीनियर ने छुट्टी के लिए पत्र में खुद के पिछले जन्म का आभास होने की बात कही. उसने ओवैसी को पिछले जन्म में नकुल और खुद का दोस्त बताया और मोहन भागवत को शकुनी मामा बता दिया. सोशल मीडिया में यह लेटर तेजी से वायरल हो रहा है.
छुट्टी के लिए इंजीनियर ने अपनाया अजीब तरीका, ओवैसी को नकुल, मोहन भागवत को बताया शकुनी (सांकेतिक फोटो)

भोपाल. मध्यप्रदेश में एक इंजीनियर ने बॉस से ऐसे अंदाज में छुट्टी मांगी कि उसका लिखा पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया. मनरेगा में तैनात इंजीनियर राजकुमार यादव ने छुट्टी मांगने के लिए पत्र में उसने पिछले जन्म में असदुद्दीन ओवैसी को नकुल और RSS प्रमुख मोहन भागवत को शकुनी मामा बताया है. इंजीनियर ने इस पत्र को विभाग के आधिकारिक ग्रुप में शेयर किया जिसका बॉस ने उसी अंदाज में जवाब भी भेज दिया.  

इंजीनियर राजकुमार यादव ने पत्र में लिखा कि रविवार को वे जिले के किसी भी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उन्हें कुछ दिन पहले ही आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है. साथ ही, पिछले जन्म का भी आभास हुआ है. सांसद असदुद्दीन ओवैसी उनके पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत शकुनी मामा, इसलिए अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं. अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा, ये मेरी आत्मा का सवाल है. मैं समझता हूं कि आप मुझे प्रत्येक रविवार की छुट्टी देने की कृपा करेंगे.

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रविवार को कार्यालय में करें काम खत्म होगा अंहकार

इंजीनियर के पत्र का जवाब सीईओ पराग पंथी ने उसी के अंदाज में दिया. सीईओ ने लिखा कि प्रिय उपयंत्री, आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह बहुत प्रसन्नता का विषय है. इसमें हमारा अकिंचन सहयोग भी साधक हो सकता है. यह विचार ही मन में हर्ष उत्पन्न करता है. व्यक्ति प्रायः अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है. इस अहंकार को इसके बीज रूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है. इसलिए आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को ध्यान में रखते हुए आपको आदेश दिया जाता है कि आप हर रविवार कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें, जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके. आपकी आत्मिक उन्नति में साधक बनने की प्रसन्नता के साथ.

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