MP सरकार लाएगी रोप-वे पॉलिसी, जाम के झंझट से मिलेगा छुटकारा

Indrajeet kumar, Last updated: Wed, 22nd Dec 2021, 10:34 PM IST
  • मध्य प्रदेश सरकार रोप-वे ट्रांसपोर्ट पॉलिसी लाने जा रही है. रोपवे सर्विस शुरुआती दौर में भोपाल इंदौर, रीवा, सतना, समेत 16 नगर निगम में शुरू की जाएगी. इस पॉलिसी के अनुसार पहले चरण में मेट्रो का चयन किया गया है. जिसमें भोपाल और इंदौर जैसे शहर शामिल है. इस पॉलिसी को भीड़-भाड़ इलाकों को शामिल किया जाएगा.
रोप-वे (फाइल फोटो)

भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार रोप-वे ट्रांसपोर्ट पॉलिसी बना रही है. रोप-वे सर्विस की शुरूआत भोपाल, इंदौर, रीवा, सतना समेत 16 नगर निगम में की जाएगी. साल 1991 में मास्टर प्लान के तहत एमएन बुच ने रोप-वे ट्रांसपोर्ट पॉलिसी लाया था. लेकिन उस वक्त इस इस पर काम नहीं हो पाया. फिलहाल उसी पॉलिसी को दोबारा लाई जा रही है. रोप-वे पॉलिसी का इस्तेमाल अब तक पहाड़ी इलाकों में ट्रांसपोर्ट के लिए ही किया जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश जैसे राज्य में अब तक ऐसी कोई पॉलिसी नहीं थी. अब हिमाचल प्रदेश की रोप-वे पॉलिसी के मुताबिक ही मध्य प्रदेश में भी प्लानिंग की जाएगी. इस पॉलिसी के लागू हो जाने के बाद भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा. पॉलिसी के अनुसार पहले चरण में मेट्रो सिटी को शामिल किया गया है. जिसमें भोपाल और इंदौर जैसे शहर शामिल है. इस सिस्टम में पेड़ काटने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे पर्यावरण के साथ भी कोई छेड़छाड़ नहीं होगा.

नगर निगम के कमिश्नर केवीएस चौधरी कॉल साहनी ने जानकारी देते हुए बताया कि पहाड़ी इलाकों के अलावा भीड़ वाले जगहों पर भी इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए बिना किसी रूकावट के लोग एक जगह से दूसरी जगह आवाजाही कर सकेंगे. फिलहाल इसके लिए बड़े छोटे तालाब चौक बाजार समेत मध्य प्रदेश नगर में फीजिबिलिटी सर्वे कराया जाएगा. सर्वे के आधार पर जाम वाली स्थिति में यह टेक्नोलॉजी कितनी उपयोगी है यह देखा जाएगा. इसके बाद रूप में लगाने का काम शुरू किया जाएगा.

मिली जानकारी के मुताबिक रोप-वे ट्रांसपोर्ट मेट्रो के तुलना में 10 गुना ज्यादा सस्ता है. इस टेक्नोलॉजी के तहत 9 मीटर से 5 किलोमीटर तक लंबा रोपवे बनाया जा सकता है. रोपवे के एक ट्रॉली में लगभग 6 से 10 लोग एक बार सफर कर सकते हैं. बिजली से चलने वाली इस रोप वे को एक कंट्रोल रूम और रोप वे सेटअप से चलाया जाएगा. इस रोपवे को लगाने में किसी भी प्राकृतिक चीज जैसे पेड़-पौधे हरियाली को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. यह कदम पीएम मोदी की सोच का हिस्सा है, जिसमें लोगों की उम्मीदों को पूरा कर दें और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए अलग-अलग ट्रांसपोर्ट सिस्टम का विकास किया जाना है.

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रोप-वे सिस्टम लग जाने के बाद लोगों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगी. सड़कों पर यातायात सुलभ हो जाएगा प्रदूषण भी कम हो जाएंगे विश्वस्तरीय रोग हुए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की संभावना बढ़ जाएगी. साथ ही केवल प्रोपेल्ड ट्रांजिट जैसी टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा मिलेगा. सिक्योरिटी स्टैंडर्ड को बढ़ावा मिलेगा और ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाने वाले इंडस्ट्री की स्थापना हो सकेगी. इस पॉलिसी के बारे में नगर आयुक्त केवीएस चौधरी कॉल साहनी का कहना है कि रोपवे लगाने के लिए पॉलिसी लाई जा रही है. इसके लिए टेस्टिंग और रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भीड़भाड़ वाले इलाकों में किया जाएगा.

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