MP हाईकोर्ट का आदेश- सिर्फ माला पहनाने से नहीं हो जाती हिंदू शादी, इसके लिए...

Somya Sri, Last updated: Sun, 19th Sep 2021, 8:18 AM IST
  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा है कि हिन्दू विवाह में सिर्फ माला पहनाने से शादी नहीं हो जाती. शादी के लिए पूरे विधि विधान के साथ अग्नि के सात फेरे लेना जरूरी है.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)

भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के ग्वालियर खंडपीठ ने कहा कि हिन्दू विवाह में सिर्फ माला पहनाने से शादी नहीं हो जाती. शादी के लिए पूरे विधि विधान के साथ अग्नि के सात फेरे लेना जरूरी है. हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब आर्य समाज मन्दिर में शादी कर एक कपल की ओर से याचिका दायर कर सुरक्षा मांगी गई थी. हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.

न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने 14 सितंबर को एक आदेश में कहा, " सात फेरे एक वैध विवाह के लिए आवश्यक है, लेकिन आजकल इस तरह की रिट याचिका अदालत से सुरक्षा मांगने को लेकर केवल औपचारिकता को पूरा करने के लिए दायर की जा रही है. उन्होंने कहा कि विवाह में सुरक्षा की आवश्यकता केवल तभी होती है जब कोई याचिकाकर्ता के वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करता है."

MP में ‘राजाराम से वनवासी राम’ के जीवन पर होगी अनोखी परीक्षा, जीतने वाले को फ्री में प्लेन से अयोध्या दर्शन

दरअसल, मुरैना निवासी 23 साल के लड़के ने 21 साल की लड़की के साथ 16 अगस्त को ग्वालियर के लोहा मंडी किलागेट स्थित आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज की थी. जिसके बाद उन्हें आर्य समाज की ओर से इस मैरिज का सर्टिफिकेट भी दिया गया. हालांकि, इसके बाद दोनों ने हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा को लेकर एक याचिका दायर कर दी. उन्होंने तर्क दिया कि दोनों ने लव मैरिज की है इसलिए दोनों के परिजन झूठी शिकायतें कर रहे हैं, जिन पर कार्रवाई न की जाए. याचिकाकर्ताओं ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी.

जबकि इस मामले में पीठ ने कहा कि, "याचिकाकर्ताओं ने इसके लिए किसी भी थाने में आवेदन नहीं दिया है. उन्हें किससे खतरा है, किसने धमकी दी है, कौन परेशान कर रहा है? नहीं बताया है. सीधे कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है, इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं लगती." पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

अन्य खबरें