हिजाब विवाद पर बोलीं प्रज्ञा ठाकुर- जो लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं वो पहनें हिजाब

Ruchi Sharma, Last updated: Thu, 17th Feb 2022, 8:38 AM IST
  • भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि कहीं भी हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है. जो लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं हैं उन्हें हिजाब पहनना जरूरी है.
BJP MP Sadhvi Pragya

भोपाल. कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद थमा नहीं है. हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. इस विवाद में भोपाल से लोकसभा सदस्‍य साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी कूद पड़ी है. एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि कहीं भी हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है. जो लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं हैं उन्हें हिजाब पहनना जरूरी है.

साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि बाहर रहते हुए, जहां कहीं भी 'हिंदू समाज' है, उन्हें हिजाब पहनने की आवश्यकता नहीं है, खासकर उन जगहों पर जहां वे पढ़ते हैं. वे यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं के घरों में तो मां को पूजा जाता है और स्त्री की भी पूजा होती है. परंतु जिनके घरों में बहन का नाता नहीं है जिनके घरों में बुआ की लड़की, मौसी की लड़की, पहले पिता की पहले बीवी की लड़की सब से शादी कर सकते हैं, तो हिजाब तुम्हें घर में पहनना चाहिए. जहां हिजाब पहनना है वहां खिजाब लगा कर रखेंगे. उल्टा करोगे तो उल्टा ही होगा.

भोपाल. कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद थमा नहीं है. हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. इस विवाद में भोपाल से लोकसभा सदस्‍य साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी कूद पड़ी है. एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि कहीं भी हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है. जो लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं हैं उन्हें हिजाब पहनना जरूरी है.

साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि बाहर रहते हुए, जहां कहीं भी 'हिंदू समाज' है, उन्हें हिजाब पहनने की आवश्यकता नहीं है, खासकर उन जगहों पर जहां वे पढ़ते हैं. वे यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं के घरों में तो मां को पूजा जाता है और स्त्री की भी पूजा होती है. परंतु जिनके घरों में बहन का नाता नहीं है जिनके घरों में बुआ की लड़की, मौसी की लड़की, पहले पिता की पहले बीवी की लड़की सब से शादी कर सकते हैं, तो हिजाब तुम्हें घर में पहनना चाहिए. जहां हिजाब पहनना है वहां खिजाब लगा कर रखेंगे. उल्टा करोगे तो उल्टा ही होगा.

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साध्वी ने कहा- जो अनुशासन है वो अपनाइए

भारत में कुछ चीजों की एक परिभाषा होनी चाहिए. हमारे गुरुकुल होते हैं, उसकी एक वेशभूषा होती है, एक नियम होता है, एक संयम होता है और उसका एक अनुशासन होता है. हम गुरुकुल में जाते हैं, तो बच्चे अचला पहनेंगे, गुरु जी कुर्ता पहनेंगे. शिक्षार्थी पीला या भगवा वस्त्र पहनेंगे. जो वहां का अनुशासन है हम उसे मानते हैं. लेकिन भाई विद्यार्थी जब स्कूल में जाते हैं, तो वह पहनते हैं जो वहां की वेशभूषा होती है. तो जहां का जो अनुशासन है, वो अनुशासन अपनाइए.

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