भीमबेटका गुफाओं की चट्टानों पर बने शैलचित्र कैसे करते हैं इतिहास को जिंदा, देखें फोटो

Swati Gautam, Last updated: Sun, 12th Sep 2021, 8:11 PM IST
  • भोपाल में स्थित भीमबेटका गुफ़ाएं इतिहास को दर्शाती हैं. इन गुफाओं की खास बात यह है कि भीमबेटका क्षेत्र में प्रवेश करते ही दीवारों में शैलचित्र बने हुए दिखेंगे जो काफी रोचक और इतिहास को जिंदा करते हैं. कहा जाता है यहां करीब 500 गुफाएं हैं और इन गुफाओं की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार साल पुराना माना जाता है. भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया था. इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया है.
मन जाता है यह जगह महाभारत के भीम से संबंधित है, इसीलिए इसका नाम भीमबैठका पड़ा, जिसे बाद में भीमबेटका कहा जाने लगा (Photo credit- Twitter)
मन जाता है यह जगह महाभारत के भीम से संबंधित है, इसीलिए इसका नाम भीमबैठका पड़ा, जिसे बाद में भीमबेटका कहा जाने लगा (Photo credit- Twitter)
इस जगह की खोज साल 1957-1958 में डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी (Photo credit- Twitter)
इस गुफा की दीवारों पर बने शैलचित्र इतिहास को जिंदा कर देते हैं (Photo credit- Twitter)
दीवारों पर बने हजारों साल पुराने शैलचित्रों के आधार पर इस जगह को मानव विकास का आरंभिक स्थान भी माना जा सकता है (Photo credit- Twitter)

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