15 से 18 साल के किशोरों के वैक्सीनेशन में MP आगे, यूपी-बिहार पीछे

Somya Sri, Last updated: Wed, 5th Jan 2022, 10:32 AM IST
देश में 15 से 18 साल की आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गयी है. मंगलवार को वैक्सीनेशन का यह आंकड़ा 42 लाख को पार कर गया. जिसमें गुजरात के बाद सबसे शीर्ष पर मध्य प्रदेश है. जहां 10 लाख किशोरों को वैक्सीन लगी. गुजरात में यह आंकड़ा 11 लाख है. जबकि युवाओं की अधिक संख्या होने के बावजूद भी यूपी में 4.5 लाख और बिहार में 4.25 लाख किशोरों को ही वैक्सीन लग सकी.
Teen Covid Vaccination के दूसरे दिन गुजरात के बाद मध्य प्रदेश शीर्ष पर, यूपी, बिहार फिसड्डी (फोटो साभार-हिन्दुस्तान टाइम्स)

भोपाल: देश में 15 से 18 साल की आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गयी है. मंगलवार को किशोरों को लगाई गई वैक्सीनेशन का यह आंकड़ा 42 लाख को पार कर गया. जिसमें गुजरात इस आयु वर्ग के किशोरों को 11 लाख वैक्सीन लगवा कर सबसे शीर्ष पर है. तो 10 लाख कोविड वैक्सीनेशन की संख्या के साथ मध्य प्रदेश दूसरे पायदान पर है. गुजरात में इस आयु वर्ग के लगभग 36 लाख किशोर हैं जबकि मध्य प्रदेश में 48 लाख हैं. मालूम हो कि सोमवार को वैक्सीनेशन का यह आंकड़ा 50 लाख को पार कर गया था.

वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में 15 से 17 साल के आयु वर्ग के लिए शुरुआत की गई कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान में लगभग 9.5 लाख किशोरों को टीका लगाया गया है. वहीं कर्नाटक में यह संख्या आठ लाख किशोरों को वैक्सीन लगाई गई है. बता दें कि आंध्र प्रदेश में इस आयु वर्ग के ऐसे 24 लाख किशोर हैं वहीं कर्नाटक में ऐसे 32 लाख किशोर हैं.

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वहीं उन राज्यों में जहां किशोरों की संख्या सबसे अधिक है वहां टीकाकरण की गति कम है. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान में किशोरों को लगाई गई वैक्सीन की संख्या बेहद ही चिंताजनक है. पश्चिम बंगाल में इस आयु वर्ग के ऐसे 48 लाख योग्य किशोर है जिनमें से मात्र 2.8 लाख युवाओं को ही टीका लगाया गया. जबकि दिल्ली में ऐसे 10 लाख से अधिक किशोरों की संख्या है. जिनमें मात्र 55000 युवाओं को ही वैक्सीन लगाई गई.

वहीं बिहार में 84 लाख युवा इस आयु वर्ग से आते हैं, लेकिन मात्र 4.25 लाख लोगों को ही वैक्सीन लगाई जा सकी जबकि यूपी में इस आयु वर्ग से करीब डेढ़ करोड़ युवा आते हैं उनमें से केवल 4.5 लाख किशोरों को ही टीका लगाया जा सका.

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