संकष्टी चतुर्थी पर आज करें श्री गणेश की पूजा, जानिए व्रत विधि, मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Pallawi Kumari, Last updated: Tue, 23rd Nov 2021, 8:03 AM IST
  • अगहन मार्गशीर्ष मास के कृष्ष पक्ष में पड़ने वाले चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत का काफी महत्व होता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और रात में चंद्रोदय के बाद व्रत खोला जाता है. आज 23 नवंबर को संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजन किया जाएगा.
अगहन, मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली चतुर्थी में संकष्टी चतुर्थी का खास महत्व होता है.

हिंदू धर्म में श्री गणेश की पूजा हर शुभ और मागंलिक कार्यों में सबसे पहले की जाती है. वैसे तो हर रोज गणेश भगवान की पूजा होती है. लेकिन हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी गणेश भगवान की विधि विधान से खास पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. अगहन, मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली चतुर्थी में संकष्टी चतुर्थी का खास महत्व होता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. पूजा करने के बाद रात में चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है.

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि- आज सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. पूजा के करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें. भगवान को तिलक करें. फिर फूल औऱ धुर्वा आदि चढ़ाकर तिल, गुड़, लड्डू, और मोदक का भोग लगाएं भगवान को सामवने धूप-दीप जलाएं. पूजा के बाद गणेश की आरती करें. पूजा के बाद नमक का सेवन न करें आप फलाहार रह सकते हैं. फिर शाम को चांद निकलने से पहले गणपति पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें. रात को चंद्र दर्शन के चंद्रमा को अर्घ्य दें फिर व्रत खोलें.

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संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी आरंभ- 22 नवंबर 2021 (सोमवार) रात 10 बजकर 26 मिनट से

मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी समापन- 24 नवंबर 2021 (बुधवार) रात 12 बजकर 55 मिनट 

चंद्रोदय का समय-

23 नवंबर (मंगलवार) रात 8 बजकर 27 मिनट पर. बता दें कि अलग अलग शहर में चांद निकलने के समय में कुछ मिनट का अंतर हो सकता है.

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