CM धामी का ट्रांसपोर्टरों को आश्वासन, उत्तराखंड सरकार वाहन सरेंडर पॉलिसी पर विचार करेगी
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को वाहन सरेंडर और हिल एंडोर्समेंट नियमावली में बदलाव पर फिर से विचार करने का आश्वासन दिया है. परिवहन कारोबारियों की मांग है कि प्रदेश सरकार पुरानी सरेंडर पॉलिसी व्यवस्था को लागू करे.
देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार वाहनों की सरेंडर नियमावली और हिल एंडोर्समेंट नियमावली के मानकों को बदलने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोरोना से प्रभावित हर वर्ग व हर व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों को राहत पहुंचाई जाए. रविवार को कैंट रोड स्थित सीएम आवास में निजी क्षेत्र के परिवहन कर्मियों के लिए आर्थिक सहायता योजना लांच करते हुए सीएम ने यह आश्वासन दिया.
परिवहन कारोबारी लंबे समय से राज्य में गाड़ियों की पुरानी समर्पण पॉलिसी लागू करने की मांग कर रहे हैं. पुरानी समर्पण पॉलिसी में गाड़ी को सरेंडर करने की कोई समय सीमा नहीं थी. लेकिन वर्तमान में सरेंडर पॉलिसी के तहत वाहन मालिकों को एक साल में तीन तीन महीने की अवधि के लिए केवल दो बार ही गाड़ियों को सरेंडर कराने की छूट दी गई है. अगर किसी वाहन मालिक को तीन माह से अधिक गाड़ियों को सरेंडर कराना है तो उसके लिए निर्धारित शुल्क जमा करने के साथ ही नए सिरे से आवेदन करना होगा. बाकी बचे हुए छह महीने का उसे टैक्स देना होगा. अगर कोई वाहन मालिक समय पर टैक्स का भुगतान नहीं कर पाता है तो ऐसी स्थिति में उसे टैक्स के साथ पेनाल्टी भी देनी पड़ती है. परिवहन कारोबारी इसी का विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि गाड़ियों के सरेंडर को लेकर पूर्व में जो व्यवस्था की गई थी, उसे ही लागू किया जाए.
परिवहन कारोबारियों ने इन दोनों विषयों को मुख्यमंत्री के सामने रखा था. सीएम ने कहा कि परिवहन सेक्टर को लेकर सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि सरकार इन दोनों नियमावलियों को बदलने पर विचार करेगी. प्रदेश में यातायात सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. हेली सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एविएशन टरबाइल फ्यूल (एटीएफ) से वैट को 20 प्रतिशत से घटाकर महज दो प्रतिशत कर दिया है.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन सेवाओं से जुड़े ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इसके तहत प्रदेश के एक लाख से अधिक ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर को दो हजार रुपए प्रति महीने की दर से छह महीने तक आर्थिक सहायता दी जाएगी. सचिव रणजीत सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में 36100 परिवहन व्यवसायियों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सहायता दी जाएगी. इनमें 34635 चालक,930 परिचालक और 535 क्लीनर शामिल हैं. इस योजना के लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है. पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का विभागीय सत्यापन करने के बाद पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की गई है.
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