उत्तराखंड में ओमिक्रोन का कहर: 31 जनवरी तक रैलियों पर रोक, 12वीं तक के स्कूल बंद
- उत्तराखंड में कोरोना की नई गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसके तहत प्रदेश में 31 जनवरी बारहवीं तक के स्कूल, आंगनबाड़ी सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. वहीं राजनीतिक रैलियों, धरना प्रदर्शन पर भी 31 जनवरी तक रोक रहेगी.

देहरादून: देशभर में कोरोना वायरस के नए वैरियंट का कहर जारी है. उत्तराखंड में भी कोरोना अपना कहर बरपा रहा है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने कोरोना की नई गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसके तहत प्रदेश में 31 जनवरी बारहवीं तक के स्कूल, आंगनबाड़ी सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. वहीं राजनीतिक रैलियों, धरना प्रदर्शन पर भी रोक रहेगी. बता दें कि स्कूल बंद रहने की अवधि में ऑनलाइन माध्यम से आगे पढ़ाई जारी रहेगी. वहीं 1 जनवरी के बाद राजनीतिक दलों को इंडोर मीटिंग या खुले मैदान में कार्यक्रम करने की रियायत दी जाएगी.
जारी कोविड गाइडलाइन्स के मुताबिक नाइट करफ्यू रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लागू रहेगा. स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क 31 जनवरी तक बंद रहेंगे. जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, स्पा, सैलून, थिएटर, ऑडिटोरियम, मीटिंग हॉल केवल 50 फीसदी क्षमता के संचालित होंगे. खेल संस्थान, स्टेडियम, खेल के मैदान खिलाडियों के प्रशिक्षण के लिए 50 फीसदी क्षमता के साथ खोले जा सकेंगे. इसी के साथ खुले और बंद स्थान पर होने वाले विवाह समारोह, शवयात्रा आदि में केवल 50 फीसदी क्षमता में ही लोग शामिल हो सकते हैं.
22 जनवरी को लिखे एक पत्र में उत्तराखंड सरकार ने 31 जनवरी तक राज्य में कोविड प्रतिबंधों को बढ़ाया। 12 वीं कक्षा तक के सभी आंगनवाड़ी केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे और ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। pic.twitter.com/MlWYcj3rqI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2022
वहीं होटल,रेस्तरा, ढाबों, होटालों के कांफ्रेंस हाल, स्पा, जिम का भी 50 प्रतिशत क्षमता में प्रयोग किया जा सकेगा. हालांकि इन सभी जगह कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से 16 जनवरी को कोविड गाइडलाइन्स जारी की गई थी. जो रविवार को समाप्त हो गई थी. लेकिन अब राज्य में कोविड के तहत लागू प्रतिबंधों को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया.
इसके अलावा 31 जनवरी के बाद एक फरवरी से 12 फरवरी तक राज्य में राजनीतिक दल खुले स्थानों पर कार्यक्रम आयेाजित कर सकेंगे. लेकिन इसमें भी अधिकतम 500 लोग या मैदान की झमता का 50 प्रतिशत लोग ही शामिल हो सकेंगे. वहीं राजनीतिक दल 1 फरवरी से इंडोर मीटिंग भी कर सकेंगे. जिसमें 300 लोग या हॉल के झमता का 50 प्रतिशत लोग शामिल हो सकेंगे.
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