हरिद्वार धर्म संसद केस: SC का मोदी और धामी सरकार को नोटिस, 10 दिन बाद अगली सुनवाई

Shubham Bajpai, Last updated: Wed, 12th Jan 2022, 1:06 PM IST
हरिद्वार धर्म संसद में धर्म विशेष के खिलाफ बयानबाजी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले की सुनवाई 10 दिन बाद होगी.साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 23 जनवरी को अलीगढ़ में होने वाली धर्म ससंद को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास जाने की छूट दी है.
हरिद्वार धर्मसंसद मामलाः SC का मोदी-धामी सरकार को नोटिस, 10 दिन बाद अगली सुनवाई

नयी दिल्ली (भाषा). हरिद्वार और दिल्ली में हुई धर्मसंसद मामले में धर्म विशेष के खिलाफ कथित तौर पर की गई बयानबाजी के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी.

वहीं, 23 जनवरी को अलीगढ़ में आयोजित होने जा रही धर्म संसद को लेकर कोर्ट ने याचिका कर्ता को छूट दी है कि वो इस धर्म संसद को रोकने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन के पास जा सकते हैं.

ओपिनियन पोल: उत्तराखंड में फिर BJP की धामी सरकार या कांग्रेस के हरीश रावत की वापसी, जानिए

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने पत्रकार कुर्बान अली और पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश की याचिका पर नोटिस जारी किए. याचिका में घृणा फैलाने वाले भाषण देने की घटनाओं की एसआईटी (विशेष जांच दल) से  स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच कराने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है.

पीठ ने याचिकाकर्ताओं को भविष्य में धर्म संसद आयोजित करने के खिलाफ स्थानीय प्राधिकरण को अभिवेदन देने की अनुमति दी. न्यायालय ने मामले में आगे की सुनवाई को 10 दिन बाद के लिए सूचीबद्ध किया.

याचिका में विशेष तौर पर 17 और 19 दिसंबर 2021 को हरिद्वार और दिल्ली में दिए गए कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषणों का उल्लेख किया गया है और शीर्ष अदालत से ऐसे भाषणों से निपटने के लिए दिशानिर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया कि एक कार्यक्रम हरिद्वार में यति नरसिंहानंद की तरफ से और दूसरा कार्यक्रम दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी की तरफ से आयोजित किया गया था और इन कार्यक्रमों में एक विशेष समुदाय के सदस्यों के नरसंहार का कथित तौर पर आह्वान किया गया था.

अन्य खबरें