गंगा के लिए अनशन पर बैठे आत्मबोधानंद ने शहद भी छोड़ा, सिर्फ पानी और नमक ले रहे
- गंगा की रक्षा को लेकर कई मांगों के साथ आंदोलन कर रहे मातृ सदन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अनशन के सातवें हफ्ते में शहद का सेवन भी छोड़ दिया है. उन्होंने अब बस नमक और पानी लेना जारी रखा है. आत्मबोधानंद ने सरकार और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
देहरादून. गंगा रक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे मातृ सदन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अपने अनशन के सातवें हफ्ते में अब शहद का सेवन भी छोड़ दिया है. ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 18 अगस्त से छह मांगों को लेकर अनशन कर रहे हैं. उन्होंने अब फैसला लिया है कि अनशन के दौरान अब वो शहद छोड़कर बस नमक और पानी का सेवन करेंगे. ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने सरकार और जिला प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिस कारण विवश होकर उन्हें शहद का सेवन त्यागना पड़ रहा है.
मातृ सदन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की प्रमुख मांगें
1. स्वामी निगमानंद सरस्वती की मौत की सीबीआइ जांच
2. स्वामी सानंद की मृत्यु की जांच के लिए हाई कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में एसआइटी का गठन करने की मांग की
3. साध्वी पद्मावती के साथ 2020 की घटनाओं की जांच के लिए तुरंत एक एसआइटी का गठन किया जाए। एक महिला अधिकारी को जांच दल का नेतृत्व दिया जाना चाहिए।
4. जलविद्युत परियोजनाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग
5. बड़े पैमाने पर गंगा में हो रहे खनन पर रोक
6. सरकार की ओर से मातृ सदन को दिए गए सभी लिखित आश्वासनों को तुरंत जमीनी स्तर पर लागू किया जाए
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अनशन को लेकर मातृ सदन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का कहना है कि की जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक वो अनशन पर रहेंगे चाहे उनकी जान ही क्यों न चली जाए. मातृ सदन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का रोप है कि की सात हफ्ते से उनका आंदोलन चल रहा है लेकिन अभी तक कोई कैबिनेट मंत्री, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया है. ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद गंगा रक्षा समेत अपनी छह मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि मातृ सदन के दो स्वामी आत्मबोधानंद और स्वामी ज्ञान स्वरुप सनानंद की मौत के मामले में लेवल कमेटी बनाकर जांच की जाये जिनकी मौत आश्रम में आमरण अनशन करते हुए परिसर में हुई थी.
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आश्रमवासियों का कहना है कि जब तक मांगों के संबंध में कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता है तक उनका यह अनशन जारी रहेगा. मातृ सदन ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए संघर्ष करने को लेकर जाने जाते हैं.
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