MBBS की पढाई के लिए यूक्रेन क्यों है भारतीय छात्रों की पहली पसंद, जानें वजह

Sumit Rajak, Last updated: Sat, 26th Feb 2022, 10:34 AM IST
  • उत्तराखंड में की मेडिकल की पढ़ाई का खर्चा 6 गुना ज्यादा है. इसी वजह से हर साल उत्तराखंड से हजारों बच्चे यूक्रेन और रूस जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने में सालाना 3.38 लाख का खर्चा होता है. वहीं उत्तराखंड में 18 लाख से ज्यादा का खर्चा आता है.
फाइल फोटो

देहरादून. यूक्रेन पर रूस के हमले ने पूरी दूनिया को हिलाकर रख दिया है. जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा है. वहां फसे भारतीयों को जल्द से जल्द निकालने के लिए मोदी सरकार हर कोशिश कर रही है. भारतीयों नागरिकों में उत्तराखंड से मेडिकल की पढ़ाई करने गए बच्चे भी शामिल हैं. बता दें कि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में बच्चे यूक्रेन और रूस में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. इसके पीछे की बड़ी वजह उत्तराखंड की तुलना में इन देशों में मेडिकल की पढ़ाई सस्ता होना है. यूक्रेन और रूस जैसे देशों के मुकाबलें उत्तराखंड में मेडिकल की पढ़ाई 6 गुनी महंगी है.

जहां एक तरफ यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आपको सालाना 3.38 लाख का खर्चा होता है. तो वहीं उत्तराखंड में एक साल में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 18 लाख से ज्यादा का खर्चा आता है. इस खर्च में प्राइवेट मेडिकल कालेजों में ली जाने वाली डोनेशन को ऐड नही किया गया है. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने में सालाना 4500 डालर का खर्चा आता है. जो भारतीय करेंसी में 3.38 लाख के आसपास बैठता है. अगर हम बाकि खरचों को भी मिला दें तो ये खर्चा छह लाख रुपए बैठता है.

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वहीं उत्तराखंड में प्राइवेट मेडिकल कालेजों में अगर आप मैनेजमेंट कोटे में एडमिशन लेते हैं तो आपको सालाना 18 लाख देने होगें. इसमें सिक्योरिटी, हॉस्टल का खर्चा भी जोड़ दे तो ये 27 लाख तक पहुंच जाता है. सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की कम सीटों की वजह से भी छात्रों को प्राइवेट मेडिकल कालेजों में एडमिशन लेना पड़ता है. इसी के चलते यहां से ज्यादातर बच्चे यूक्रेन और रूस जाकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. इन देशों में छह साल के एमबीबीएस की खर्चा 35 से 40 के बीच आता है.

 

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