उत्तराखंड की वो भूतिया जगह जहां आज भी लोग जाने की हिम्मत नहीं करते, सच्चाई जानिए

Smart News Team, Last updated: Tue, 22nd Feb 2022, 12:10 AM IST
  • देवभूमि में कई ऐसे भूतिया स्थान हैं, जहां लोग जाने से डरते हैं. अगर आप इन गर्मियों में उत्तराखंड घूमने के लिए जाना चाहते हैं, तो इन जगहों पर जाने की गलती बिल्कुल ना करें.
उत्तराखंड में ये हैं भूतिया स्थान 

देहरादून: उत्तराखंड अपनी सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों, लुभावने दृश्यों के लिए जाना जाता है. अगर ऐसी खूबसूरत जगह पर आपको डरावनी जगह देखने को मिल जाए तो आप क्या करेंगे ? जी हां, देवभूमि में कई ऐसी भूतिया स्थान हैं, जहां लोग जाने से डरते हैं. अगर आप इन गर्मियों में उत्तराखंड घूमने के लिए जाना चाहते हैं, तो इन जगहों पर जाने की गलती बिल्कुल ना करें.

तो चलिए आज हम उत्तराखंड की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में जानते हैं, जहां जाने से लोग काफी डरते हैं और कई लोग इस रोमांचक जगह का आनंद उठाना चाहते हैं.

परी टिब्बा (Pari Tibba Uttarakhand)

उत्तराखंड में फेमस भूतिया जगहों में सबसे पहला नाम आता है परी टिब्बा का. इस हॉन्टेड प्लेस के बारे में कहा जाता है कि यहां पर एक जोड़े पर बिजली गिर गई थी, जिसकी वजह से वह जिंदा जल गए थे. कुछ लोगों का कहना है कि इसके पीछे अदृश्य शक्तियों का हाथ है. ये बिजली अक्सर किसी ना किसी पर गिरती है. 

मुलीनगर मैंशन  (Mulinagar Mansion Uttarakhand)

इस हॉन्टेड जगह के बारे में कहा जाता है कि यहां कभी कैप्टन यंग रहा करते थे. लोग बताते हैं कि 1825 में मुलीनगर मैंशन वहां बनने वाला पहला घर था. इसके मालिक के साथ क्या हुआ , ये आज तक पता नहीं चल पाया. गांव वालों का कहना है कि कैप्टन यंग का भूत आज भी घर में घूमता है और आते-जाते लोगों को नजर भी आता है.

लोहाघाट का हॉन्टेड हाउस (Haunted House Champawat Uttarakhand)

उत्तराखंड के लोहाघाट के चंपावत जिले में भी एक हॉन्टेड हाउस है. इसके बारे में कहा जाता है कि यहां एक पुराना घर था, जिसमें एक कपल रहता है लेकिन बाद में इसे अस्पताल बना दिया गया. इस हॉस्पिटल का डॉक्टर लोगों की मौत की भविष्यवाणी करता था. जिस भी मरीज की मौत की तारीख करीब आती, उसे एक खास कोठरी में शिफ्ट कर दिया जाता था. इस बारे में बाद में पता चला कि उस रूम में डॉक्टर खुद ही मरीजों की हत्या करता देता था, जिसके बाद से इस जगह को भुतहा घोषित कर दिया गया.

लंबी देहर माइन  (Lambi dehar Mine Uttarakhand )

उत्तराखंड के मसूरी में लंबी देहर खदान है, जिसे भुतहा माना जाता है. इसके लिए कहा जाता है कि 1990 में खदान में काम करने वाले मजदूर बीमार हो गए. 50 हजार लोगों के बीमार पड़ने के बाद माइन को बंद कर दिया गया और 1500 लोग गांव को छोड़कर चले गए. 

 

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