दशहरे पर घोषित हुई तिथि और समय, नौ नवंबर को बंद होगा केदारनाथ मंदिर के कपाट

Uttam Kumar, Last updated: Fri, 15th Oct 2021, 2:25 PM IST
विजयदशमी के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में आचार्य हर्ष जमलोकी और सत्य प्रसाद सेमवाल ने पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि तय की गई. केदारनाथ धाम के कपाट 09 नवंबर को प्रात: 8.30 बजे कपाट बंद होंगे. वहीं द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर को प्रात: 8.30 धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे.
ओंकारेश्वर मंदिर में पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि तय की गई. 

देहरादून. विजयदशमी के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में आचार्य हर्ष जमलोकी और सत्य प्रसाद सेमवाल ने पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने का समय प्रात: 8.30 बजे निर्धारित किया. 09 नवंबर को प्रात: 8.30 बजे कपाट बंद होंगे. 11 नवंबर को बाबा केदार अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में छह माह के लिए विराजमान होंगे. आचार्यगणों द्वारा द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथि 22 नवंबर को प्रात: 8.30 बजे निर्धारित की गई है. द्वितीय केदार 25 नवंबर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे. इस दिन ऊखीमठ में मेला भी आयोजित होगा. 

द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे  वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे, जबकि मदमहेश्वर मेला गुरुवार 25 नवंबर को आयोजित होगा. वहीं तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को 1 बजे अपराह्न शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे. भगवान आशुतोष के 12 ज्योतिर्लिंगों में ग्यारहवें केदारनाथ धाम के कपाट परंपरानुसार भैयादूज के पावन पर्व पर नौ नवंबर को प्रात: 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे. द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट 22 नवंबर एवं तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 29 अक्तूबर को विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. केदारनाथ व द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और तृतीय केदार तुंगनाथ की पूजा मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में होगी.  

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मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में आचार्य विजय भारत मैठाणी ने हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि 29 अक्तूबर को प्रात: 10.15 बजे निर्धारित की. बाबा तुंगनाथ की डोली 31 अक्तूबर को अपने शीतकालीन प्रवास मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी. सवा तीन बजे पुश्य नक्षत्र में पूजा-अर्चना के साथ भगवान की मूर्ति गर्भगृह में विराजमान होगी. धामों के कपाट बंद होने की तिथि व समय तय होने के मौके पर बीकेटीसी के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, वचन सिंह रावत, पुजारी बागेश लिंग, वाईएस पुष्पवाण, देवी तिवारी, मठापति राम प्रसाद मैठाणी, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, हरिबल्लभ मैठाणी, केवलानंद मैठाणी, थौर भंडारी जीतपाल सिंह, राकेश नेगी, सुनील नेगी दिलवर नेगी आदि मौजूद थे. 

बाबा केदार का डोली कार्यक्रम

-09 नवंबर को प्रात: 8.30 बजे कपाट बंद होंगे.  इसी दिन बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी.   

-10 नंवबर को काशी-विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि प्रवास.   

-11 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी डोली. छह माह तक श्रद्धालु यहीं करेंगे आराध्य के दर्शन.  

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द्वितीय केदार मद्महेश्वर का डोली कार्यक्रम 

-22 नवंबर को प्रात: 8.30 धाम के कपाट शीतकाल के लिए होंगे बंद. इसी दिन भगवान की चल उत्सव डोली रात्रि प्रवास को पहुंचेगी गौंडार गांव.  

-23 नवंबर को रात्रि प्रवास रांसी, 24 को गिरिया और 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मदिर ऊखीमठ में 6 माह की पूजा के लिए होगी विराजमान.  

तृतीय केदार तुंगनाथ का डोली कार्यक्रम  

-29 अक्तूबर को प्रात:10.15 बजे वृश्चिक लग्न में धाम में कपाट बंद होंगे. इसी दिन बाबा तुंगनाथ की चल उत्सव डोली रात्रि प्रवास को चोपता पहुंचेगी. 

-30 अक्तूबर को रात्रि प्रवास के लिए भुनकुन गुफा पहुंचेगी डोली, जबकि 31 अक्तूबर को डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी. 3.15 बजे पुश्य नक्षत्र में गर्भगृह में छह माह के लिए विराजमान होगी मूर्ति. 

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