चोरी पर सीनाजोरी, मारने-काटने की बात पर FIR के विरोध में धरना देंगे धर्म संसद वाले संत
- हरिद्वार में धर्म संसद के दौरान विवादित बयान देने वाले संत अब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. संतों पर एफआईआर होने और एसआईटी का गठन होने के विरोध में 16 जनवरी को प्रतिकार सभा का आयोजन होगा.

देहरादून : हरिद्वार में पिछले महीने हुई धर्म संसद का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है. धर्म संसद में विवादित और घृणास्पद भाषण देने वाले संतों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर एसआईटी का गठन किया गया है. अब धर्म संसद में मारने-काटने की बात करने वाले संत इसके विरोध में उतर आए हैं. शंकराचार्य परिषद के संतों ने 16 जनवरी को प्रतिकार सभा आयोजित करने का फैसला लिया है. इसमें संतों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के खिलाफ धरना दिया जाएगा. जबकि अभी तक एसआईटी ने इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है.
शंकराचार्य परिषद के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार पर अल्पसंख्यक समुदाय के सामने झुकने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि प्रतिकर रैली में हजारों संत और सनातन धर्म के अनुयायी शामिल होंगे. सभी इस मामले में आगे की रणनीति तैयार करेंगे. हमारी लड़ाई उन कट्टरपंथियों के खिलाफ है, जो देश और सनातन धर्म को कमजोर कर रहे हैं. भारत एक वैदिक सनातनी राष्ट्र होना चाहिए और धर्म संसद में सत्य बोलना या हिंदुत्व के पक्ष में बात करने की बात कही गई थी.
हरिद्वार धर्म संसद में विवादित बयान का विरोध, देहरादून में मुस्लिम संगठनों ने निकाला मार्च
शंकराचार्य परिषद से जुड़े संतों ने शानभवी आश्रम में गुरुवार को बैठक कर हरिद्वार धर्म संसद में भाग लेने वाले संतों के खिलाफ केस दर्ज करने का विरोध करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में 16 जनवरी को बैरागी शिविर में एक विरोध सभा आयोजित की जाएगी जिसमें देशभर से संत, विभिन्न हिंदू संगठन और बुद्धिजीवी शामिल होंगे.संतों ने इस मामले में एसआईटी के गठन और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की भूमिका पर भी नाराजगी व्यक्त की. संतों ने आरोप लगाया कि सीएम पुष्कर सिंह धामी समाज के एक विशेष वर्ग के आगे झुक गए हैं.
महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने कहा कि बीजेपी और उसकी सरकार के मंत्री हिंदुत्व की बात करते हैं. मगर अब हिंदू संतों के खिलाफ मामला दर्ज कर एसआईटी का गठन करने के बाद बीजेपी का असली चेहरा उजागर हो गया है. बीजेपी सरकार संतों और सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है. संत अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए प्रतिकार सभा करेंगे. ऐसी घटनाओं से संतों की छवि खराब हो रही है. ये सनातन धर्म के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है.
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