अल्पसंख्यक संस्थानों के संवैधानिक पदों पर हुई नियुक्तियां असंवैधानिकः याकूब सिद्दीकी
- उत्तराखंड में अल्पसंख्यक संस्थानों में हुई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस नेता याकूब सिद्दीकी ने भाजपा की धामी सरकार पर आरोप लगाते हुए सभी संवैधानिक नियुक्तियों को असंवैधानिक करार दिया. साथ ही चुनाव आयोग से नियुक्तियों को तत्काल निरस्त करने की मांग की है.

देहरादून (वार्ता).उत्तराखंड चुनाव 2022 की घोषणा होने के साथ ही प्रदेश में राजनीतिक नेताओं का एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश महासचिव याकूब सिद्दीकी ने राज्य में आचार संहिता की घोषणा से पहले अल्पसंख्यक संस्थानों में हुई नियुक्तियों को असंवैधानिक करार देते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग की.
सिद्दीकी ने कहा कि संस्थाओं में डिफाल्टर व्यक्तियों को संवैधानिक पदों से नवाजा गया है जो जांच का विषय है. सिद्दाकी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि इन नियुक्तिोयं को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें.
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याकूब सिद्दीकी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फास्ट बैटिंग के चलते आनन-फानन में संवैधानिक व्यवस्थाओं को तार-तार करने का काम किया है, जिसे आने वाले समय में सक्षम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा कि संस्थाओं की संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने वाले लोगों की ताजपोशी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की संघीय व्यवस्था वक्त अधिनियम 1995 के तहत लोकसभा कोटे को अतिक्रमण किया गया एवं अधिनियम के विरुद्ध डिफाल्टर व्यक्तियों को नवाज गया है, जो गंभीर जांच का विषय है.
सिद्दीकी ने निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि भाजपा सरकार द्वारा जिन अल्पसंख्यक संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां की गई है, उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त करें. उन्होंने यह भी कहा कि जिन पदों पर नियुक्तियां की गई हैं उनके शासनादेश भी जारी नहीं किये गये हैं. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इनके शासनादेश पिछली तिथियों में जारी किए जाएंगे.
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