चार धाम यात्रा के बंद होने की तारीख हुई जारी, जानें कब कहां के बंद होंगे कपाट

MRITYUNJAY CHAUDHARY, Last updated: Fri, 15th Oct 2021, 10:07 PM IST
  • दुर्गा पूजा के बाद दशहरा के दिन परम्परा के अनुसार चार धाम यात्रा को बंद करने की तारीख जारी कर दिया गया है. जिसके अनुसार बद्रीनाथ मंदिर 20 नवंबर, गंगोत्री मंदिर 5 नवंबर, केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट 6 नवंबर को बंद होंगे.
चार धाम यात्रा के बंद होने की तारीख हुई जारी, जानें कब कहां के बंद होंगे कपाट

देहरादून. विजयादशमी के दिन चार धाम धामों के कपाट बंद करने की तारीखों की घोषणा करने की परंपरा का पालन करते हुए मंदिरों के बंद करने की डेट की घोषणा कर दी गई है. जिसके अनुसार इस साल 20 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट सर्दियों के महीनों के लिए बंद हो जाएंगे. वहीं गंगोत्री के कपाट गोवर्धन पूजा के दिन 5 नवंबर, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट भाईदूज को पर्व पर 6 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब तक चार धाम यात्रा के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यात्रा पोर्टलों के बंद होने तक बिना किसी बाधा के चार धाम की यात्रा जारी रहेगी.

चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के प्रवक्ता हरीश गौर ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्थानीय मंदिर निकायों और पुजारियों द्वारा ज्योतिषीय गणना के माध्यम से चार धाम मंदिरों के कपाट बंद करने का सही समय जारी कर गया है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ और यमुनोत्री के मामले में यह एक परंपरा है कि उनके पोर्टल भाईदूज पर बंद होते हैं, जो इस साल 6 नवंबर को है. उन्होंने आगे कहा कि तुंगनाथ मंदिर के कपाट इस साल 30 अक्टूबर को सर्दियों के महीनों के लिए बंद हो जाएंगे.

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इस साल अब तक 1.14 लाख से अधिक तीर्थयात्री चार धाम के दर्शन कर चुके हैं. उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 5 अक्टूबर को तीर्थयात्रियों की संख्या पर दैनिक सीमा को हटा दिया. जिसकी मांग राज्य सरकार ने याचिका दायर कर किया था. बता दें कि तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा बद्रीनाथ के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री तीर्थ के लिए 400 निर्धारित किया गया था. इससे पहले 16 सितंबर को, अदालत ने चार धाम यात्रा पर 28 जून की रोक हटा दी थी, जिससे 18 सितंबर से चार श्रद्धेय हिमालयी तीर्थस्थलों के लिए कोविड प्रतिबंधों के साथ यात्रा शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

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