हॉस्पिटल स्टाफ के भगाने पर गर्भवती ने मैदान में दिया बच्चे को जन्म, MLA ने कराया भर्ती
- उत्तराखंड ऊधमसिंह नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ ने एक गर्भवती को डांटकर भगा दिया. जिसके बाद महिला को मजबूरन खुले मैदान में बच्चे को जन्म देना पड़ा. जब यह बाद स्थानीय विधायक को पता चली तो उन्होंने महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराने की बात भी कहा.
देहरादून. उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में एक गर्भवती का खुले मैदान में बच्चा जन्म देने का मामला सामने आया है. जिसमें जब महिला वहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती होने के लिए पहुंची तो अस्पताल स्टाफ ने उसे डांटकर भगा दिया. जिसके बाद महिला को मजबूरन खुले मैदान में नवजात को जन्म देना पड़ा. गर्भवती को अस्पताल से भगाने की घटना जब विधायक राजेश शुक्ला को मिली तो वह सीएचसी पहुंच गए. जहां पर उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार लगाई. जिसके बाद महिला और बच्चे को आनन-फानन में सीएचसी में भर्ती किया गया.
महिला के पति सर्वेश ने बताया कि वह अपने तीन-चार साथी परिवारों के साथ रुद्रपुर में रहता था. जहां पर उसकी झोपड़ी थी. जो पिछले दिनों आई आपदा में बह गई. जिसके बाद वह बेघर हो गया और अपने गांव सुलतानपुर यूपी चला गया. वहीं कुछ दिन पहले ही वह काम के तलाश में किच्छा पहुंचे. जहां पर कोई आसरा नहीं होने पर इंदिरा गांधी मैदान में खुले में रहने लगे. सर्वेश ने बताया कि उसकी पत्नी राजवती गर्भवती थी. जिसे बुधवार को प्रसव पीड़ा हुआ.
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प्रसव पीड़ा होने पर उसे सीएचसी ले गया. जहां पर स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे महिला डॉक्टर की छुट्टी होने की बात कहकर कुछ दवाइयां देकर वापस भेज दिया. वापस आने के बाद उसकी पत्नी को दोबरा प्रसव पीड़ा हुआ. जिसके बाद वह दोबारा पत्नी को लेकर सीएचसी पहुंचा. सर्वेश का आरोप है कि सीएचसी स्टाफ ने उसे डांटकर वहां से भगा दिया. जिसके बाद दोबारा अपनी पत्नी को दर्द में लेकर इंदिरा मैदान पहुंचा. जहां पर उसकी हालत देखते हुए अन्य महिलाओं ने डिलीवरी करवाई.
महिला की खुले आसमान में डिलीवरी की सूचना मिलते ही विधायक राज शुक्ला सीएचसी पहुंचे. जहां पर वह स्टाफ के ऊपर बिफर पड़े. उन्होंने फटकार लगाते हुए कार्रवाई कराने की बात कह डाली. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में महिला को इंदिरा मैदान से लेकर सीएचसी भर्ती करवाया. वहीं एमएलए ने कहा कि महिला चिकित्सक छुट्टी पर थी तो अन्य नर्सिंग स्टाफ को गर्भवती को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल रेफर करना चाहिए था.
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