भारत के जंगलों पर मंडरा रहा है ये नया खतरा, साल की शुरुआत में ही 27 बाघों मौत

Sumit Rajak, Last updated: Fri, 25th Feb 2022, 9:37 AM IST
  • डब्लयूपीएसआई के द्वारा जारी आकड़ो में बताया गया है कि इस की शुरुआत में ही देश में अबतक 27 बाघों की मौत हो चुकी है, पिछले साल 126 बाघों की मौत हुई थी. बाघों की सबसे ज्यादा 9 मौतें एमपी में हुई हैं.
फाइल फोटो

देहरादून. देश में केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर बाघों को बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है, पर देश में इनकी मौत के आकड़े बता रहे हैं कि बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए इतना काफी नही है, सरकार को और भी जरुरी कदम उठाने पड़ेगे. देश में हो रही बाघों की मौत पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष देश में हर दो दिन में एक बाघ की मौत हुई है. यानी कि अब तक 27 बाघ मारे गए हैं. आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2021 में देश में 126 बाघों की मौत हुई थी, यह दशक में सर्वाधिक मौत हैं.

बाघों से जुड़ा हुआ ये आकड़ा वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया (डब्लयूपीएसआई) ने जारी किया हैं. डब्लयूपीएसआई के आकड़ो के मुताबिक 2022 की शुरुआत में ही इतनें बाघों की मौत सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. डब्लयूपीएसआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीटो जोसेफ ने बताया कि बाघों की मौत के ये आकड़े चिंताजनक हैं. टीटो जोसेफ ने बाघों को बचाने के लिए सभी संबंधित विभागों और इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थानों को गंभीरता से कार्य करने की जरुरत है.

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2022 में सबसे ज्यादा 9 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई है. वहीं महाराष्ट्र में 6, कर्नाटक में 5, असम में 2, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और बिहार में एक, एक और केरल में 2 बाघों की मौत हुई है. जिनमें 19 की मौत आपसी संघर्ष में हुई है. वहीं 8 बाघों का शिकार किया गया है. आकड़ो की माने तो यूपी, दिल्ली और उत्तराखंड में इस साल अब तक किसी भी बाघ की मौत नही हुई है. बाघों की संख्या की बात करे तो देश में अभी 2300 से ज्यादा बाघ हैं. इनमें सबसे ज्यादा 526 बाघ एमपी में हैं और सबसे कम 117 बाघ यूपी में हैं.

 

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