पटना के ध्रुव वर्मा 400 करोड़ की फिल्म 'द गुड महाराजा' में दिखेंगे

Smart News Team, Last updated: Tue, 25th May 2021, 7:09 PM IST
  • पटना के कंकड़बाग के रहने वाले अभिनेता ध्रुव वर्मा एक बार फिर से अपनी अगली फिल्म को लेकर चर्चा में हैं. जल्द वे फिल्म 'द गुड महाराजा' (The Good Maharaja) में दिखेंगे. अगले साल क्रिसमस से पहले 17 दिसंबर को यह फिल्म रिलीज की जाएगी.
पटना के ध्रुव वर्मा 400 करोड़ की फिल्म 'द गुड महाराजा' में दिखेंगे, सेकेंड वर्ल्ड वॉर के रशियन स्नाइपर की है कहानी

पटना के कंकड़बाग के रहने वाले अभिनेता ध्रुव वर्मा एक बार फिर से अपनी अगली फिल्म को लेकर चर्चा में हैं. जल्द वे फिल्म 'द गुड महाराजा' (The Good Maharaja) में दिखेंगे. अगले साल क्रिसमस से पहले 17 दिसंबर को यह फिल्म रिलीज की जाएगी. यह जानकारी फिल्म के निर्माता हितेश देसाई ने दी है. डायरेक्टर विकाश वर्मा ने भास्कर से बातचीत में बताया कि यह फिल्म 400 करोड़ की होगी और इसकी शूटिंग लंदन, रूस, पोलैंड और भारत के गुजरात में होगी.

उन्होंने बताया कि ध्रुव में बिहारी बोल्डनेस है, इसी वजह से पहली फिल्म में उनका एक्शन शानदार था. इसी बिहारी बोल्डनेस की वजह से उन्हें इस नई फिल्म में ऐसे रशियन सोल्डर का रोल मिला है, जिसकी मां हिन्दुस्तानी और पिता रशियन हैं.

फिल्म के लिए ध्रुव को 12 करोड़ में किया साइन

हितेश देसाई ने बताया कि अभिनेता ध्रुव वर्मा को मुख्य भूमिका के लिए 12 करोड़ रुपये की बड़ी रकम के साथ साइन किया गया है. फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध पर आधारित है. ध्रुव को इससे पहले फिल्म ' नो मीन्स नो ' में देखा गया था. इस फिल्म में उन्हें जबरदस्त एक्शन सीन्स दिए और उसके लिए 'भारतीय जेम्स बॉन्ड' के नाम से चर्चित भी हुए.

अभिनेता ध्रुव ने अपनी फीस का एक बड़ा हिस्सा कोविड-19 के इलाज केंद्रों और वृद्धाश्रमों को बेहतर बनाने के लिए दान करने का संकल्प लिया है. ध्रुव कहते हैं कि यह एक गंभीर वास्तविकता है. मेरे साथी देशवासियों का स्वास्थ्य पैसे से अधिक महत्वपूर्ण है.

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म

हितेश देसाई ने बताया कि फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध के आस-पास घूमती है. नवानगर के शेर-दिल भारतीय महाराजा (अब गुजरात में जामनगर के नाम से मशहूर) दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जी जडेजा (उपनाम जाम साहब) युद्ध के समय लगभग 1000 पोलिश बच्चों के लिए एक पिता की तरह थे और उन्हें आश्रय दिया था. उनके बारे में सच्ची कहानी पर आधारित यह दूसरा इंडो-पोलिश सह-प्रोडक्शन प्रयास है.

फिल्म के बारे में जानकारी देते हुए ध्रुव ने कहा कि मैं आभारी हूं निर्माता और निर्देशक ने एक बार फिर मुझ पर अपना विश्वास दोहराया है. यह भूमिका मेरी पहली फिल्म से अलग है. तैयारी के लिए उन्होंने स्क्रिप्ट को कई बार पढ़ा.

जब तक फिल्म पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई दूसरी फिल्म साइन नहीं करेंगे

उन्होंने बताया कि मुझे इस चरित्र के ग्राफ का पता है और मुझे अपने निर्देशक के दृष्टिकोण के अनुसार खुद को ढालना होगा. मैं अपने प्रशिक्षक-गुरु हॉलीवुड के प्रसिद्ध स्टार स्टीवन सीगल के मार्गदर्शन में द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल की जाने वाली बंदूकों के साथ रूस में और ज्यादा प्रशिक्षण लेना शुरू करूंगा. जी 7 फिल्म्स पोलैंड के कार्यकारी निर्माता हितेश देसाई के अनुसार, जब तक 'द गुड महाराजा' का फिल्मांकन पूरा नहीं हो जाता, तब तक निर्माता ने ध्रुव से कोई भी अन्य फिल्म साइन न करने का करार किया है.

रूस के साथ प्रेम

ध्रुव के बिजनेस मैनेजर आशीष तिवारी बताते हैं कि भारतीय महाराजा ने पोलैंड के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए थे. उन बच्चों में से एक पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बन गया है. जी 7 सिक्यूरिटास ग्रुप और जी 7 फिल्म्स के अध्यक्ष निर्देशक विकाश वर्मा ने कहा कि सिनेमा हमारे समाज को आकार देता है और संस्कृति को भी उजागर करता है. मुझे यकीन है कि महाराजा दिग्विजय साहब के परिवार को कोई आपत्ति नहीं होगी.

महामारी का संकट कम होने के बाद शूटिंग पूरी होगी

प्रसिद्ध पोलिश फिल्म निर्देशक और 'द पियानिस्ट' के लिए ऑस्कर विजेता रोमन पोलांस्की को मार्गदर्शन करने के लिए संपर्क किया जाएगा. वर्मा ने बताया कि वे अब 87 साल के हैं और होलोकॉस्ट के साक्षी के रूप में उनके अनुभव का फायदा फिल्म को मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस महामारी का संकट कम होने और टीकाकरण के बाद हम इस फिल्म की शूटिंग पूरी करेंगे. उसके तुरंत बाद नवंबर माह में 'नो मीन्स नो' को रिलीज किया जाएगा.

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