मुख्तार अंसारी बांदा जेल से यूपी चुनाव के लिए भरेंगे पर्चा, अखिलेश के सहयोगी राजभर ने टिकट दिया
- कोर्ट से आदेश मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मऊ के सदर सीट लगातार विधायक रहे मुख्तार अंसारी बांदा जेल से इस बार के यूपी चुनाव 2022 के लिए नामांकन कर सकेंगे. इस संबंध में विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में बीते मंगलवार को लगाई गई अर्जी को स्वीकार कर न्यायालय ने गुरुवार को बांदा जेल को आदेश भेज दिया है.

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के सदर सीट विधायक रहे बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. अब वह इस बार के चुनावी मैदान में उतर सकेंगे. दरअसल गुरुवार को विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए दिनेश चौरसिया की अदालत में बीते मंगलवार को लगाई गई अर्जी को स्वीकार कर लिया है. विशेष कोर्ट ने बांदा जेल के अधीक्षक को आदेश जारी करते हुए कहा कि जेल मैनुअल के नियमों और चुनाव आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत मुख्तार अंसारी की चुनावी नामांकन प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूरी कराना सुनिश्चित करें. बता दें कि वह इस बार के यूपी चुनाव में सपा गठबंधन के साथी सुभासपा के टिकट पर ने मऊ जिले के सदर सीट से नामांकन भरेंगे.
बता दें कि, बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी सूबे के मऊ जिले के सदर सीट से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं. पिछली बार के विधान सभा चुनाव में वह बसपा के सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल कर विधायक बने थे. इस बार के चुनाव में मुख्तार को सपा गठबंधन के साथी सुभासपा ने सदर सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है. जिस सीट से मुख्तार लड़ेंगे फिलहाल उस पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है.
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बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के एडवोकेट ने न्यायालय में दिया प्रार्थना पत्र
मंगलवार को मुख्तार अंसारी के दरोगा सिंह ने विशेष न्यायधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट में पत्र देकर चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन प्रकिया की कवायद पूरी कराने की गुजारिश किया था. अधिवक्ता ने इस प्रार्थना पत्र के बिनाह पर बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के चुनावी नामांकन के लिए मिलने की इजाजत मांगी थी. अपने प्रार्थना पत्र के जरिए मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने उनके नामांकन के लिए खुद अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावक और फोटोग्राफर सहित कुल 22 लोगों के बांदा जेल में दाखिल होने की अनुमति मांगी थी. साथ में ये भी लिखा था कि मुख्तार अंसारी का दो सेट में नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर और उसका सत्यापन बांदा जेल अधीक्षक द्वारा कराया जाना जरूरी है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की थी लेकिन छुट्टी के चलते गुरुवार को सुनवाई हुई.
न्यायालय में सरकारी एडवोकेट ने जताई आपत्ति
नामांकन प्रक्रिया पूरी कराने के लिए दिए गए पत्र के संबंधित इस मामले में गुरुवार को विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए दिनेश चौरसिया के न्यायालय में सुनवाई हुई. सरकार की तरफ से गैंगस्टर मामले के एडवोकेट कृष्ण शरण सिंह और एमपी/एमएलए कोर्ट के सरकारी एडवोकेट राणा प्रताप सिंह ने मुख्तार अंसारी के नामांकन संबंधित प्रार्थना पत्र पर आपत्ति जताया और कहा कि यह प्रार्थना पत्र न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है.
न्यायालय ने मुख्तार की नामांकन प्रक्रिया पूरी कराए जाने का दिया आदेश
दोनों पक्षों की दलीलो को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया कि जेल मैनुअल के प्रावधानों और चुनाव आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन को देखते हुए अभियुक्त यानी आरोपी मुख्तार अंसारी के चुनावी नामांकन प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूरी कराई जाए. मामले पर सुनवाई कर विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए दिनेश चौरसिया के न्यायालय ने बांदा जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को तत्काल ई-मेल जरिए नामांकन कराने जाने संबंधित अनुपालन भेजे जाने का आदेश दे दिया.
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