Navratri 2021: नवमी पर CM योगी ने किया कन्या पूजन, भोजन कराकर लिया आशीर्वाद

Prince Sonker, Last updated: Thu, 14th Oct 2021, 7:49 PM IST
  • नवरात्र की नवमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में देवी स्वरूप कन्याओं को भोजन करा आशीर्वाद लिया. उन्होंने पवित्र जल से कन्याओं और बटूक भैरव के पैर धुला कर उन्हें अपने हाथों से भोजन परोसा.
कन्याओं को भोजन परोसते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

लखनऊ. शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से कन्या पूजन किया. रामनवमी के अवसर पर सीएम योगी ने मां दुर्गा स्वरूप नौ प्रतीकों की कन्याओं को अपने हाथों से प्रसाद खिलाया और उन्हें दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया. इस दौरान गोरखनाथ मंदिर पहुंची अन्य कन्याओं को भी उन्होंने उसी श्रद्धाभाव से भोजन कराया. इससे पहले ब्रह्म मुहूर्त में मुख्यमंत्री ने मां शक्ति के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना की. हर वर्ष मुख्यमंत्री योगी शारदीय और वासंतिक नवरात्र के मौके पर कन्याओं को खुद भोजन कराते हैं. साथ ही नौ दिन का व्रत रहने के अलावा गोरखनाथ मंदिर में अनुष्‍ठान करते हैं.

 

बता दें कि मंदिर में कन्या पूजन का कार्यक्रम 12 बजे निर्धारित किया गया था. मंदिर की ओर से बुलाई गईं कन्याएं तय समय से पहले ही पूजा स्थल पर पहुंच गई थीं. कन्या पूजन की शुरुआत नौ कन्याओं के पांव पखारने से हुई. सीएम योगी ने सबसे पहले बारी-बारी से नौ कन्याओं और एक बटूक भैरव के पांव पखारे. टीका लगाकर, चुनरी ओढाई फिर आरती उतारी. पूजा-अर्चना के बाद कन्या भोज का कार्यक्रम शुरू हुआ. मुख्यमंत्री एक-एक कर सभी नौ कन्याओं और बटुक भैरव के पास गए और उनकी थाली में अपने हाथ से भोजन परोसा. इस दौरान वह बच्चों को दुलारते रहें. बच्चे भी मुख्यमंत्री के हाथों प्रसाद ग्रहण कर खुश नजर आए. भोजन के बाद सीएम ने सभी कन्याओं को दक्षिणा और उपहार देकर सम्मानपूर्वक विदा किया.

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि मातृशक्ति की आराधना हमारे देश की संस्कृति है. इसीलिए नवरात्र के नौवें दिन कन्या पूजन का विधान है. कन्‍या पूजन को नारी सशक्तिकरण से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि ये आयोजन हमें नारी सशक्तिकरण की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है. भारतीय सनातन धर्म की परम्‍परा के अंदर मातृशक्ति के भाव को प्रदर्शित करने का ये सबसे सशक्‍त माध्‍यम है. हमें अपने पर्व और त्‍योहारों के इस महत्‍व को मातृशक्ति किसी भी क्षेत्र में कम और कमजोर नहीं है. ये भाव उनके प्रति हर एक के मन में आना चाहिए. व्‍यवहारिक रूप में भी हम इसे साकार करेंगे, तो मातृशक्ति के साथ बहन-बेटियों की सुरक्षा के साथ यदा-कदा जो घटनाएं देखने को मिलती हैं, उनको नियंत्रित करने में सफलता प्राप्‍त होगी. हमें इन संस्‍कारों और परम्‍पराओं के साथ जुड़ना होगा.

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