20 साल पहले BJP को जिस सीट पर हराया उसी गोरखपुर शहर सीट से लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ

Swati Gautam, Last updated: Sat, 15th Jan 2022, 4:10 PM IST
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ठीक 20 साल पहले 2002 के चुनाव में राधामोहन दास अग्रवाल गोरखपुर सीट से हिंदू महासभा के टिकट पर लड़े थे और सीएम योगी ने उनका समर्थन किया था. प्रचार भी किया और उन्हें जीतवाकर बीजेपी को हराया था आज उसी सीट पर बीजेपी ने राधामोहन दास अग्रवाल का टिकट काट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर से टिकट देने का फैसला लिया है.
भाजपा ने दिया सीएम योगी को गोरखपुर शहर सीट का टिकट (फाइल फोटो)

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में अगले महीने से होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. जिसमें कई नए नाम देखने को मिले हैं. उनमें सबसे बड़ा नाम यूपी की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है. कभी अयोध्‍या तो कभी मथुरा से सीएम योगी के चुनाव लड़ने के अटकलों के बाद आखिरकार सीएम योगी के लिए भाजपा ने गोरखपुर शहर सीट फाइनल कर दी है. बता दें कि ठीक 20 साल पहले 2002 के यूपी विधानसभा चुनाव में राधामोहन दास अग्रवाल गोरखपुर सीट से हिंदू महासभा के टिकट पर लड़े थे और सीएम योगी ने उनका समर्थन किया था. प्रचार भी किया और उन्हें जीतवाकर बीजेपी को हराया था आज उसी सीट पर बीजेपी ने राधामोहन दास अग्रवाल का टिकट काट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर से टिकट देने का फैसला लिया है.

बता दें कि 2002 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी शिव प्रताप शुक्ला के मुकाबले में राधामोहन दास अग्रवाल अखिल भारतीय हिंदू महासभा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर आए. उस समय योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन किया था. प्रचार भी किया और उन्हें जीतवाकर बीजेपी को हराया था. उस चुनाव में जीत का सेहरा राधामोहन दास अग्रवाल के सिर बंधा हालांकि जीतने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए. तब से यहां से वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत रहे हैं. बीते 8 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 7 बार बीजेपी को जीत मिली. जिसमें एक बार राधामोहन दास अग्रवाल ने ही बीजेपी को हराया. आज बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर का टिकट देकर राधामोहन दास अग्रवाल का टिकट काट दिया है.

गोरखपुर शहर सीट से लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ, राधामोहन दास अग्रवाल का टिकट कटा

मालूम हो कि राधा मोहन अग्रवाल कभी योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते थे. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की यूपी में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो राधामोहन दास अग्रवाल को उनसे मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली जिसके बाद से उनके रिश्तों में खटास आने लगी. उसके बाद से राधामोहन दास अग्रवाल अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार बयानबाजी और आरोप लगाते देखे गए हैं.

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