Chhath Puja 2021: एक क्लिक में जानें छठ पूजा की सारी जानकारी, नहाय खाय, खरना और संध्या-सुबह अर्घ्य का समय
- छठ व्रत सोमवार यानी 4 नवंबर से शुरू हो रहा है. छठ को लेकर सभी घरों में इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व के त्योहार में छठी मईया और भगवान सूर्य देव की उपासना का महत्व है. जानिए छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय से लेकर खरना और संध्या सुबह अर्घ्य की डेट और शुभ मुहूर्त.
महापर्व छठ को लेकर लोगों के बीच खूब उल्लास देखने को मिलता है. सालभर लोग इस पर्व का इंतजार करते हैं. देश विदेश में रहने वाले लोग भी छठ के दौरान अपने घऱ जरूर पहुंचते हैं. वैसे को छठ खास कर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. लेकिन अब पूरे भारत में छठ प्रचलित त्योहार हो गया है. चार दिनों तक चलने वाले छठ में व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है. इसलिए छठ को हिंदू धर्म के सभी व्रतों में सबसे कठिन व्रत कहा गया है.
सोमवार 4 नवंबर से नहाय खाय के साथ छठ की शुरुआत हो रही है. 10 नवंबर को खरना होगा. वहीं 11 नवंबर को सांझ यानी संध्या अर्घ्य और 12 नवंबर को सुबह का व्रत होगा. इसी दिन पारण करने के बाद छठ का समापन हो जाएगा.
Chhath Puja 2021: सोमवार को छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय, आज ही जुटा लें ये सामग्री
पहला दिन नहाय खाय, 04 नवंबर सोमवार
नहाय खाय का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 42 मिनट से शाम 51 बजकर 27 मिनट तक बताया जा रहा है. इस दिन से छठ की शुरुआत होती है. नहाय खाय के दिन व्रती स्नान करके नए कपड़े पहनती हैं और कद्द भात का प्रसाद ग्रहण करती है.
दूसरा दिन खरना, 9 नवंबर मलंगवार
खरना के दिन व्रती पूरे दिन उपवास रहती है और शाम को खीर और केला का प्रसाद ग्रहण करती है. नहाधोकर व्रती नए कपड़े पहनती है और पीली सिदूंर से नाक से लेकर सिर तक मांग भरती है. खरना के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर और सूर्योस्त शाम को 5 बजकर 40 मिनट पर होगा.
तीसरा दिन संध्या अर्घ्य, 10 नवंबर बुधवार
छठ पूजा के तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. व्रती के साथ घर के सारे लोग इस दिन नदी, घाट या तालाब जाते हैं और सूर्य को अर्घ्य देते हैं. कुछ लोग अपने घर के सामने स्थित पार्क में भी गढ्ढे में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो कुछ लोगों के घर के नजदीक यदि कोई नदी तालाब न हो तो वह छत पर बाथटब में पानी भरकर सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाते हैं. इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 5:30 बजे है.
चौथा दिन भोर या उषा अर्घ्य, 11 नवंबर गुरुवार
ये छठ पूजा का आखिरी दिन होता है. इस दिन उगले हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के बाद पूजा की जाती है और प्रसाद बांटा जाता है. अर्घ्य देने के बाद व्रती पारण करती है और इसी के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन होता है. इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6:40 है.
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