इंदौर में बनेगा MP का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया, 42 गावों की जमीन अधिग्रहित

इंदौर. मध्यप्रदेश के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल एरिया पीथमपुर का और भी विस्तार होने जा रहा है. दरअसल, इंदौर से सटे पीथमपुर में अब नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे.ये ही वजह है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर द्वारा औद्योगिक उपयोग के लिए इंदौर एवं धार के 42 ग्रामों की 12450.45 हेक्टेयर सरकारी भूमि का चयन नए उद्योगों के लिए कर लिया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023 -2024 तक अधिग्रहित की जाने वाली जमीनों पर विकास किए जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार के अवसर दिए जा सकेंगे और माना जा रहा है कि एक नए औद्योगिक क्षेत्र के विकसित होने के बाद 1 लाख से अधिक लोग यहां रोजगार पा सकेंगे.
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दरअसल, पीथमपुर के आसपास अब शत प्रतिशत जगह उद्योगों के लिए आरक्षित हो चुकी है और लंबे से नई जगह की तलाश की जा रही थी. ये ही वजह है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर द्वारा इंदौर एवं धार के 42 गांव की 12450.45 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर नए उद्योगों को स्थापित किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार अधिग्रहित की जाने वाली सरकारी भूमि से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की उत्तरी सीमा से लगे एनएच - 59 और दक्षिण सीमा से लगा राष्ट्रीय राजमार्ग - 3 और बीच में महू - नीमच मार्ग भी गुजरता है. यहां से रेलमार्ग 23.4 किमी की दूरी के साथ 90 एमएलडी नर्मदा-शिप्रा से जल भी नियोजित किया जा सकेगा.
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प्रोत्साहन के तहत शासन द्वारा देपालपुर के किशनपुरा, बेटमा खास, बेटमा खुर्द, अंबापुर, बजरंगपुरा, रणमल बिल्लोद, काली बिल्लोद, सगमपुर के अलावा कुछ निजी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. लंबे समय से उद्योगपति इंदौर के आसपास ही उद्योगों के लिए जमीन चाह रहे थे. पीथमपुर में जगह अब न होने के कारण इसी क्षेत्र का औद्योगिक विकास किया की जा रहा है, जिसके अंतर्गत 12450 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण उद्योगों के लिए किया गया है.
इसमें किशनपुरा गांव की 28.698 की हेक्टेयर, और बेटमा खास की 2.78 हेक्टेयर, बेटमा खुर्द की 1.219 हेक्टेयर, बीजेपुर की 9.292, – अंबापुरा की 17.081, बजरंगपुरा की 89.204 और सबसे ज्यादा जमीन रणमल बिल्लोद की ली गई है , यहां अधिकांश जमीन पूरी तरह शासकीय है. इसमें बड़ी मात्रा में जमीन चरनोई की जमीन भी उद्योगों के लिए ले ली गई है. यहां कुल 140 .703 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है वही काली बिल्लोद में 79.2 36 हेक्टेयर जमीन ली गई है . इसके अलावा सलमपुर की 92. 809 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
फिलहाल, इस बड़े प्रोजेक्ट के सामने आने से प्रदेश की आर्थिक राजधानी का विस्तार भी तेजी से होने की संभावना है और माना जा रहा है कि इंदौर सहित अन्य जिलों के व्यापार व्यवसाय और भी अधिक तेजी से विकसित होगा.
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