150 रुपये में फर्जी आधार-वोटर आईडी बनाने वाले आरोपी गिरफ्तार, पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं तार

Deepakshi Sharma, Last updated: Sat, 18th Sep 2021, 10:48 AM IST
  • 150 रुपये में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने भारी मात्रा में आरोपियों के पास से वोटर आइडी,आधार कार्ड,मार्क शीट और आयुष्मान योजना के दस्तावेज बरामद किए है.
फर्जी दस्तावेज बनाने वाले दो आरोपी हुए गिरफ्तार

इंदौर. फर्जी दस्तावेजों को बनाने का धंधा अब बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में पुलिस इन गिरोह तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. हाल ही में ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. दरअसल इंदौर के बाणगंगा थाना पुलिस ने कलेक्टर कार्यालय, निर्वाचन आयोग, नगर निगम के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह को गिरफ्तार करने का काम किया है.

ऑनलाइन की आड़ में आरोपी फर्जी दस्तावेज बनाने का काम कर रहे थे. पुलिस ने इस काम में लगे दोनों आरोपियों अजय हीरे और प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया है. आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इनके तार पश्चिम बंगाल के गिरोह से जुड़े हुए पाए गए हैं. इन दोनों से पुलिस ने भारी मात्रा में आधार कार्ड, मार्क शीट, वोटर आईडी कार्ड और आयुष्मान योजना के दस्तावेज बरामद किए है.

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एएसपी शशिकांत कनकने की माने तो मनिखाखेड़ी टिमरनी जिला हरदा के रहने वाले राम पुत्र नन्लोलाल सांखला की शिकायत पर धोखाधड़ी का केज दर्ज किया गया है. राम के मुताबिक इस बात की सुचना मिली थी कि शांतिनगर में मौजूद प्रियांसी ऑनलाइन को चलाने वाले प्रदीप सौ-डेढ़ सौ रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करता है. इसको लेकर गुरुवार की शाम को स्टिंग ऑपरेशन किया गया और पायल के पति सुनील सिसोदिया का मतदाता पत्र दिया और कहा कि इस पर दूसरी महिला का फोटो प्रिंट करवाना है. आरोपी ने डेढ़ सौ रुपये में आकर ये काम कर दिया. दोनों आरोपियों की पोल यहीं खुल गई.

देर रात को टीआई राजेंद्र सोनी और सीएसपी निहित उपाध्याय ने छापा मारा और दोनों आरोपियों को गिरफ्ता कर लिया. इस दौरान पुलिस ने कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, ग्लोसी पेपर और मोबाइल को जब्त करने का काम किया. जब इस पूरे मामले को लेकर टीआई राजेंद्र सोनी ने आरोपी प्रदीप से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि वह कलेक्टर कार्यालय की ओर से जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और मार्कशीट आदि जैसे चीजें बनाता था. कुछ दस्तावेजों के तो वो 4 हजार रुपये भी लिया करता था.

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कुछ महीने पहले उसने गूगल के जरिए पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखने वाले एक युवक से बात की थी. उस युवक ने पोर्टल प्रिंट डॉट एक्सवायजेड की लॉगइन आइडी 4 हजार रुपये में ली थी. जब टीआई ने थाने में उससे कार्ड बनाने के लिए कहा तो उसने महज 5 मिनट के भीतर राजेंद्र सोनी का नकली आईडी बना डाली.

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