इंदौर के चिड़ियाघर में मगरमच्छ के मुंह वाली मछली, खासियत जानकर उड़ जाएंगे होश

Smart News Team, Last updated: Thu, 2nd Dec 2021, 1:03 PM IST
  • मध्य प्रदेश के इंदौर के प्राणी संग्रहालय में एक विचित्र प्रकार की मछली लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. मछली का मुंह मगरमच्छ जैसा है. इस विचित्र मछली का नाम एलीगेटर गार है. मछली ड्रॉलज स्मगलिंग के खिलाफ कार्रवाई के बाद भारत में आई है और इंदौर के प्राणी संग्रहालय में रखी गई है.
इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहा जाता है

इंदौर. मछलियों के कई प्रकार होते हैं. सोशल मीडिया पर एक ऐसी मछली की तस्वीर वायरल हो रही हैं जिसने अपने रंग रूप से सबको हैरान कर दिया है. यह मछली इंदौर के प्राणी संग्रहालय में है और लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. मछली का मुंह मगरमच्छ जैसा है. इस विचित्र मछली का नाम एलीगेटर गार है. इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहा जाता है. यह मछली उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है. बता दें कि ये मछली ड्रॉलज स्मगलिंग के खिलाफ कार्रवाई के बाद भारत में आई है और इंदौर के प्राणी संग्रहालय में रखी गई है.

जानकारी के मुताबिक इस स्पेशल मछली की फिशरीज और एक्वेरियम मार्केट में मांग बहुत ज्यादा होती है. इसके अलावा इस मछली की खासियत ये है कि इसके बड़े दांत होते है, जिसके कारण ये कार्निवल श्रेणी में आती है और छोटी मछलियों को खाती हैं.

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इंदौर के प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ.उत्तम यादव के मुताबिक स्पेशल मछली को चोरी छिपे एक एक्वेटिक पोर्ट में रखकर मुंबई से इंदौर लाया गया है. वही इंदौर एयरपोर्ट पर डीआरआई की इंफोर्समेंट टीम ने जब संबंधित व्यक्ति से मछली पालन के दस्तावेज मांगे तो उसने वो दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. जिसके बाद स्मगलिंग की आशंका के चलते मछली को बरामद किया गया. वहीं कानूनी तौर पर मछली को जब्त करने के बाद परेशानी ये सामने आई कि मछली को जीवित कैसे रखा जाए. ऐसे में उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी इंदौर नगर निगम ने उठाई और उसे एक्टिवेटेड एक्वेरियम में रख दिया गया.

जानिए एलीगेटर गार की खासियत

- यह मछली उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है.

- इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहा जाता है, क्योंकि इसका आकार मगरमच्छ की तरह होता है.

- यह एक विशिष्ट प्रकार की मछली हैं. जिनका शरीर लंबा एवं बेलनाकार होता है.

- इनके लंबे जबड़े होते हैं. गनोइड स्केल के रूप में जानी जाने वाली बोनी प्लेटें उनके शरीर को ढकती हैं.

- यह सबसे लंबी मछली होती है.

- ये जीवित और मृत मछलियों को खाती हैं, कभी- कभी क्रस्टेशियंस, कीड़े और मेंढक भी खाती है.

- इस मछली के बड़े दांत होते है, जिसके कारण ये कार्निवल श्रेणी में आती है.

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