पूर्व छात्रों ने की मौजूदा छात्रों की मदद, ऑनलाइन क्लास के लिए दिए मोबाइल
- इंदौर: कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों की पढ़ाई का हुआ. स्कूल ना खुलने की वजह से छात्रों को ऑनलाइन ही क्लास लेनी पड़ रही है. हालांकि, जिन विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उन छात्रों की पढ़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है.
इंदौर: कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों की पढ़ाई का हुआ. स्कूल ना खुलने की वजह से छात्रों को ऑनलाइन ही क्लास लेनी पड़ रही है. हालांकि, जिन विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उन छात्रों की पढ़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. ऐसा ही हाल सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले कई विद्यार्थियों का है, उनके पास स्मार्ट मोबाइल नहीं है, जिसके कारण उन्हें ऑनलाइन क्लास लेने में काफी समस्या हो रही है. इस स्थिति में पार्क रोड स्थित शासकीय उत्कृष्ट बाल विनय मंदिर से पास आउट होने के बाद मर्चेंट नेवी से बतौर चीफ इंजीनियर रिटायर्ड हो चुके 1970 की बैच के राम अग्रवाल, राकेश दीक्षित और विनोद रावल ने अपने विद्यालय के छात्रों की पढ़ाई में मदद के लिए अनूठी पहल की.
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दरअसल, बाल विनय मंदिर के कक्षा नौवीं से 12वीं में करीब 15 जरूरतमंद विद्यार्थियों को इन्होंने स्मार्ट फोन व सीम दिलवाई. साथ उनका एक माह का डेटा भी रिर्चाज करवाया. अब जो विद्यार्थी स्मार्ट मोबाइल न होने के कारण ऑनलाइन नहीं पढ़ पाते थे, उन्हें पढ़ाई में दिक्कत नहीं आएगी.
राकेश दीक्षित ने इसको लेकर कहा कि वे अन्य सदस्यों के साथ आस्था वृद्धाश्रम का संचालन करते हैं. यहां पर वे लोग परदेशीपुरा के शासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क कोचिंग लॉकडाउन के पहले तक चलाते थे. कोविड-19 संक्रमण के कारण विद्यार्थियों का विद्यालय जाना बंद हुआ और कोचिंग भी बंद हो गई. ऐसे में हमने सोचा कि ऐसे विद्यार्थियों को क्यों न स्मार्ट मोबाइल उपलब्ध करवा दिया जाए.
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