अच्छी खबर! ऑनलाइन फ्राड के हुए शिकार तो घबराए नहीं, बैंक करेगा पैसा वापस
- यदि कोई ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होता है तो ऐसे में घबराएं नहीं बल्कि इसके बाद क्या करना है इस बारे में विचार करें. इसके लिए आरबीआई ने भी गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. यहां तक की बैंक भी ऑनलाइन फ्रॉड होने पर पीड़ित को पैसे वापस लौटाएगा.
इंदौर: इंदौर में एक व्यक्ति के पास उसका एटीएम कार्ड सुरक्षित होने के बावजूद भी ,वह व्यक्ति ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गया , करीब 4 लाख रुपए की रकम 23 बार में कार्ड कि क्लोनिंग के जरिए इंदौर के एक व्यक्ति के बैंक अकाउंट से निकाली गयी.अपने साथ हुए ऑनलाइन फ्राड कि शिकायत व्यक्ति ने इंदौर की साइबर सेल से कि परन्तु व्यक्ति कि मदद ना ही साइबर सेल ने की और न ही बैंक ने. इसके बाद मामला साइबर सेल अभिकरण के पास गया. अभिकरण द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बैंक को ग्राहक का पैसा देना होगा, क्योंकि इस ऑनलाइन फ्राड में उपभोक्ता कि कोई गलती नहीं हैं.
मामला इंदौर का हैं जहां एक व्यक्ति का एटीएम कार्ड उसी के पास सेफ होने के बावजूद उसके साथ 4 लाख का ऑनलाइन फ्राड हो गया पर फिर भी बैंक ने इस बात पर कोई सख्ती नहीं बरती और कार्ड धारक को ना ही कोई मैसिज या फोन किया. इस कारण अभिकरण ने उपभोक्ता के साथ हुए ऑनलाइन फ्राड का जिम्मेदार बैंक को ठहराते हुए 50 हजार रुपए की पेनाल्टी के साथ 4लाख रुपए उपभोक्ता को वापस देने का आदेश दिया. बैंक को पैसा वापस देने के आदेश पर बैंक ने अपना बचाव करते हुए कहा कि जब जैसे बैंक से पैसा निकाला गया तुरंत उपभोक्ता को उसके फोन पर 8 संदेश भजे गए थे.
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अभिकरण द्वारा दिये गए आदेश के प्रति बैंक के चेयरमैन और एमडी को निर्देश भेजा गया कहा की अब यह अपेक्षा की जाती हैं जिस प्रकार ठग एटीएम मशीन में स्कीमर लगाकर रुपयों कि चोरी कर लेते हैं और जिस प्रकार ऑनलाइन फ्राड हो रहे उनको रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए बैंक द्वारा,कभी आपके साथ ऑनलाइन फ्राड होता है और यदि आप बैंक को तीन दिन के भीतर इस सूचना से अवगत कराते हैं तो आप नुकसान से बच सकते हैं.
RBI ने यह कहा है कि यदि किसी उपभोक्ता के खाते में से किसी ने धोखे से रकम निकाल ली हैं तो निर्धारित समय सीमा के अंदर बैंक को सूचना देने पर उपभोक्ता के खाते में वो रकम 10 दिन के अन्दर वापस आ जाएगी ,और अगर उपभोक्ता अपने साथ हुए फ्राड की जानकारी 4 या5 दिन बाद देता हैं तो उसको25 हजार रुपए का नुकसान पहुँचेगा जिसका जिम्मेदार उपभोक्ता खुद होगा बैंक नहीं.
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ऐसे में उपभोक्ता के जहन में यह बात उठती हैं कि किस प्रकार हमें हमारा पैसा वापस मिलेगा , तो हम आपको बता दें कि यदि आप बैंक में ऐसी शिकायत करते हैं तो बैंक कैसे और कहा से पैसा उपभोक्ता को लौटाएगा,
दरअसल बैंक के द्वारा ऐसे साइबर फ्राड को ध्यान में रखकर बीमा लिया जाता हैं और आपके साथ हुए ऑनलाइन फ्राड की जानकारी बैंक बीमा कंपनी को देता हैं इस प्रकार कंपनी से पैसा लेकर आपके खाते में आपकी रकम10 दिन में वापस करता हैं साइबर फ्राड के लिए बीमा कंपनियां खुद भी सीधे कवरेज उपभोक्ता को उपलब्ध करवा रही हैं
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