केंद्र के वापस लिए कृषि कानून विरोध पर बोंडे बोले- केवल ढाई राज्यों तक सिमित था प्रदर्शन

MRITYUNJAY CHAUDHARY, Last updated: Fri, 14th Jan 2022, 10:16 AM IST
  • भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल बोंडे ने केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून को वापस लिए गए पर कहा कि इसका विरोध केवल ढाई राज्यों तक ही सिमित था. साथ ही कहा कि इस कानून के लागू नहीं होने से कई किसनों को नुकसान हुआ है.
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल बोंडे ने कहा केवल ढाई राज्यों तक सिमित था कृषि कानून विरोध प्रदर्शन

इंदौर (भाषा). केंद्र सरकार के वापस लिए गए कृषि कानून के विरोध को लेकर भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल बोंडे ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल ढाई राज्यों तक समिति था. साथ ही बोंडे ने आगे कहा कि इस कानून पर अमल नहीं हो पाने से देश के बाकी हिस्सों के किसानों का निश्चित तौर पर नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि दिल्ली की सीमा पर साल भर चले किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था.

बोंडे ने कहा कि आपने देखा होगा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के एक भाग के सिवाय भारत के किसी भी हिस्से में इन कानूनों का विरोध नहीं किया गया था. क्या ये ढाई राज्य पूरे देश की नुमाइंदगी करते हैं? उन्होंने कहा कि मैं आज भी कहता हूं कि तीनों कृषि कानून किसानों की भलाई के लिए बनाए गए थे. राजकीय कारणों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन कानूनों पर अमल रोकना पड़ा. इनके लागू नहीं होने से देश के बाकी हिस्सों के किसानों को निश्चित तौर पर नुकसान हुआ है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या कृषि कानूनों के मुद्दे पर भाजपा को पंजाब के आगामी विधानसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है, बोंडे ने जवाब दिया, ‘‘पंजाब के किसानों को लगा था कि तीनों कृषि कानून उनके हितों के खिलाफ हैं. (इन कानूनों को वापस लिए जाने के बाद) इस वजह से अब पंजाब में जो भी परिणाम होंगे, उनके लिए भाजपा निश्चित रूप से तैयार है.’’

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में हुए आंदोलन में अलगाववादी तत्व और कांग्रेस नेता राजनीतिक कारणों से शामिल थे. बोंडे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया पंजाब दौरे में उनकी सुरक्षा में चूक को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.

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