इंदौर: गरीबों का राशन हजम करने वाले माफियाओं पर अलग-अलग थानों में केस दर्ज
- इंदौर में 80 लाख से भी अधिक मूल्य के सरकारी अनाज के घोटाले के आरोपियों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है. जिला प्रशासन ने आरोपियों पर इंदौर के 6 थानों में अलग-अलग केस दर्ज कराया है. राशन माफियाओं ने कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान लाभार्थियों के राशन पर डाका डाला था.

इंदौर. इंदौर के कलेक्टर द्वारा 80 लाख से भी अधिक मूल्य के सरकारी अनाज के घोटाले में भरत दवे के नाम का खुलासा करने के साथ ही उस पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. नाम का खुलासा होने के दूसरे ही दिन स्थानीय प्रशासन एवं नगर निगम की रिमुअल टीम ने दवे के मोती तबेला स्थित कार्यालय को जमींदोज कर दिया और अब प्रशासन ने आरोपियों भरत दवे, प्रमोद दवे और श्याम के खिलाफ इंदौर शहर के 6 थानों में अलग-अलग केस दर्ज कराया है.
इन आरोपियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं. राशन माफियाओं ने कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान लाभार्थियों के राशन पर डाका डाला था. अब प्रशासन द्वारा राशन घोटाले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने भी इस मामले में केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. गौरतलब है कि इन राशन माफिया के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और गुंडा विरोधी अभियान के तहत इनके अवैध निर्माण मकान व ऑफिस को तोड़ने की कार्रवाई भी की जा रही है.
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दरअसल, इंदौर प्रशासन द्वारा एक दिन पूर्व ही जिले में करीब 31 राशन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है, क्योंकि सैंपल के तौर पर जब राशन की 12 दुकानों की जांच की गई तो इसमें करीब 80 लाख रुपए मूल्यके राशन के कालाबाजारी का मामला सिद्ध हुआ है.
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