इंदौर : राशन माफियाओं से सांठगांठ पर जिला आपूर्ति नियंत्रक निलंबित

Smart News Team, Last updated: Thu, 14th Jan 2021, 4:31 PM IST
  • जिला आपूर्ति नियंत्रक ने 2 माह में 6 उचित मूल्य की निलंबित दुकानें बिना विधिवत जांच किए फिर से बहाल कर दी. कलेक्टर के प्रतिवेदन पर संभागायुक्त ने की निलंबन की कार्रवाई. कलेक्टर ने कहा कि जिला आपूर्ति नियंत्रक योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही एवं उदासीनता बरत रहे थे.
सांकेतिक फोटो

इंदौर. संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने राशन माफियाओं से संलिप्तता पाए जाने तथा राशन की दुकानों में अनियमितताएं सामने आने पर इंदौर के प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक आरसी मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रतिवेदन के आधार पर की गई है. 

कलेक्टर ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि आरसी मीणा द्वारा शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही एवं उदासीनता बरती जाती है. उनके द्वारा पिछले 2 माह में 6 उचित मूल्य की निलंबित दुकानें बिना विधिवत जांच किए बहाल की गई है. यह बहाली अपर कलेक्टर (खाद्य) जिला इंदौर एवं कलेक्टर जिला इंदौर के संज्ञान में लाए बगैर की गई. मीणा की राशन माफियाओं के साथ संलिप्तता भी प्रतीत होती है. कलेक्टर ने बताया है कि गत दिवस प्रशासन की टीम द्वारा 13 राशन दुकानों को सील करने की कार्रवाई की गई थी. यहां कार्यपालक मजिस्ट्रेट जांच के लिए गए थे. उन्होंने पाया था कि फूड कंट्रोलर आरसी मीणा राशन घोटाले से संबंधित भरत दवे और प्रमोद दहीगुड़े से निरंतर संपर्क में थे. मीणा और संदिग्ध आरोपियों के बीच लगातार मोबाइल पर बातचीत और प्रत्यक्ष मुलाकात भी रिकॉर्ड की गई थी.

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कलेक्टर द्वारा इस संबंध में विस्तृत जांच कराई जा रही है. निलंबित किए गए मीणा को आलीराजपुर अटैच कर दिया गया है. प्राथमिक जांच में यह पाया गया है कि राशन माफिया भरत दवे द्वारा अपनी दुकान के नाम से ब्रांड बनाकर विभिन्न तरह की सामग्री राशन दुकानों में जबरदस्ती बिकवाई जाती थी. इसमें खाद्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी और संलिप्तता पाई जा रही है.

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