इंदौर में फर्जी IAS बने संतोष वर्मा 12 घंटे पूछताछ के बाद अरेस्ट

Smart News Team, Last updated: Sun, 11th Jul 2021, 1:07 PM IST
  • एक ही दिन में कोर्ट के दो फैसले दिखाने पर संतोष वर्मा अफसरों के शक के घेरे में आ गया था. जिस पर आईजी ने उसके खिलाफ जांच शुरू करवा दी और सख्ती से पूछताछ में पुष्टि होने पर उसे अरेस्ट कर लिया गया.
सांकेतिक तस्वीर

इंदौर. पुलिस ने फर्जी आईएएस संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले पुलिस की ओर कोर्ट के फर्जी फैसले से आईएएस बने संतोष वर्मा से 12 घंटे तक कड़ी पूछताछ की गई. जिसके बाद उन्हें शनिवार रात 12 बजे के करीब अरेस्ट कर लिया गया. पूछताछ के दौरान संतोष वर्मा ने जज विजेंद्र सिंह रावत और वकील एनके जैन का हवाला देकर बचने की कोशिश की लेकिन पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ के दौरान सब साफ हो गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस पहले तो उसके बयान दर्ज करती रही और बाद में जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो वह उलझ गया और देर रात फर्जीवाड़े में उसकी संलिप्तता की पुष्टि हुई तो एमजी रोड थाना टीआई डीवीएस नागर ने संतोष वर्मा को अरेस्ट कर लिया. गौर हो कि संतोष वर्मा नगरीय एवं विकास प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त था. उसके खिलाफ चार साल पहले हर्षिता ने लसूड़िया थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी और मामला न्यायाधीश रावत की कोर्ट में विचाराधीन था.

डीपीसी में नाम जुड़ने पर संतोष वर्मा ने सामान्य प्रशासन विभाग को फैसले की प्रति पेश कर कहा कि मामले में समझौता हो गया है जब शासन की ओर से उसे कहा गया कि यह केस समझौते की श्रेणी में नहीं आता है तो उसने एक अन्य फैसला पेश कर कहा कि उसे कोर्ट से बरी कर दिया गया है. एक ही दिन में दो फैसले मिलने पर वह शक के घेरे में आ गया तो आईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने उसके खिलाफ जांच खुलवा दी और जांच में पुष्टि होने पर उसे शनिवार देर रात अरेस्ट कर लिया गया.

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उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर कोर्ट में एमजी रोड थाने में 27 जून को केस रजिस्टर कराया गया था. पुलिस ने संतोष वर्मा को नोटिस जारी कर तलब किया था. शनिवार की सुबह करीब 11:30 बजे उसने वकील कपिल शुक्ला के साथ सीएसपी दफ्तर में पहुंचकर कहा कि फर्जीवाड़े में उसका हाथ नहीं है. प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उसने सवालों के जवाब में काफी टालमटोल किया और वकील और जज का हवाला देकर बचने का प्रयास करता रहा. 

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