खुशखबरी! मध्य प्रदेश HC का ऐसा फैसला कि स्कूल प्रशासन नहीं रोक पाएगा TC, अभिभावकों को राहत
इंदौर. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले ने अभिभावक और स्कूल प्रशासन के बीच की टकरार को कम किया है. उच्च न्यायलय के इस फैसले से अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी. उच्च न्यायलय ने TC संबंधी मामले के लिए नई व्यावस्था लागू की है. यदि किसी छात्र की फीस 70 प्रतिशत तक जमा है तो आवेदन के सात दिन के भीतर स्कूल को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करना होगा. यदि स्कूल 100 प्रतिशत फीस की मांग करता है और टीसी रोकता है तो वो कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जाएगा.
दो अभिभावकों ने दाखिल की थी याचिका:
मध्यप्रदेश के जबलपुर में 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम आने के बाद स्कूल प्रशासन अभिभावकों पर पूरी फीस देने का दबाव बना रहे थे. फीस न दे पाने की स्थिति में स्कूल ने छात्रों की टीसी रोक दी थी. जिसके चलते अभिभावक बच्चों का एडमिशन दूसरे स्कूल में नहीं करवा पा रहे थे. कोई सुनवाई न होने पर अभिभावकों ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया. जबलपुर के शहपुरा में रहने वाले दो पेरेंट्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में बताया गया था कि पूरी फीस नहीं देने के चलते स्कूल ने TC रोक रखा है. इस वजह से उनके बच्चे दूसरी जगह एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं. जिसके बाद कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. फैसले में एक अहम तर्क कोरोनाकाल के कारण माली हालात खराब होना भी था, जिसके चलते न्यायलय ने अभिभावकों के हित में फैसला सुनाया और स्कूल प्रशासन को भी लताड़ लगाई.
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अभिभावकों ने लगाया आरोप:
अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि स्कूल वाले एडमिशन के वक्त जितना मधुर व्यावहार करते है टीसी देने के वक्त उतना ही क्रूर हो जाते हैं. एक तरह से सीधा ब्लैकमेलिंग शुरू कर देता है. एडमिशन के वक्त आगे पीछे लगे रहते है लेकिन टीसी देने के वक्त बिना 100 प्रतिशत फीस दिए कोई गाइड तक नहीं करता है.
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