खुशखबरी: इंदौर को महानगर बनाएं जाने के लिए कैबिनेट से मिली मंजूरी
- इंदौर. महानगर में नहीं शामिल होंगे उज्जैन और देवास. महानगर का दायरा 2000 वर्ग किलोमीटर से घटकर 12 वर्ग किलोमीटर हुआ
इंदौर। इंदौर को महानगर बनाए जाने की मंजूरी कैबिनेट द्वारा मिल गई है. इसका दायरा भी निश्चित कर दिया गया है. इंदौर महानगर का दायरा 12 वर्ग किलोमीटर में होगा. बता दें कि इंदौर को महानगर बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है. जल्द ही इंदौर महानगर के रूप में विकसित होगा. इसको लेकर प्रदेश सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है.
इंदौर शहर का दायरा बढ़कर महू पीथमपुर तक हो जाएगा. सरकार द्वारा इस पर प्रस्ताव पारित किया गया था. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इंदौर का दायरा बढ़कर महू पीथमपुर तक हो जाएगा. महानगर का क्षेत्रफल 12 वर्ग किलोमीटर होगा जबकि पहले इसके क्षेत्रफल को लेकर बड़ी तैयारी की गई थी.इसका क्षेत्रफल पहले 2000 वर्ग किलोमीटर तय किया गया था लेकिन कैबिनेट ने 1200 वर्ग किलोमीटर दायरे तक ही मंजूरी दी है. इस तरह इंदौर महानगर का दायरा घटाए जाने से अब महानगर के दायरे से उज्जैन और देवास गायब हो गए हैं.
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उज्जैन और देवास महानगर में शामिल नहीं होंगे जबकि इंदौर शहर का दायरा अब बढ़कर महू और पीथमपुर तक रहेगा. भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार दोनों शहरों को महानगर क्षेत्र (मेट्रोपॉलिटन एरिया) में बदलने जा रही है. इससे इंदौर शहर महू-पीथमपुर तक बढ़ जाएगा. मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.शिवराज की पिछली सरकार की मई 2018 की कैबिनेट में भी यह प्रस्ताव आया था, तब इसे विधानसभा चुनाव को देखते हुए लौटा दिया गया था. इसके बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भी इसे कैबिनेट में लाने की तैयारी की थी लेकिन सरकार तख्तापलट का शिकार हो गई. अब केंद्र का मेट्रो एक्ट भी यहां लागू हो जाएगा.
मौजूदा सरकार का प्रस्ताव
शिवराज सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक इंदाैर शहर का क्षेत्रफल 1200 वर्ग किमी होगा और इसमें सिर्फ महू-पीथमपुर शामिल रहेंगे. मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनेगी, लेकिन इसके स्वरूप को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. निगम के अधिकार पहले जैसे ही रहेंगे. व्यापक अधिकार वाली अथॉरिटी बनाने की संभावना थोड़ी कम है. इंदौर को महानगर बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य मेट्रो ट्रेन परियोजना है. मेट्रो महू-पीथमपुर तक चलेगी.
पिछली सरकार का प्रस्ताव
इंदौर का क्षेत्रफल 2000 वर्ग किमी होगा. इसमें देवास, महू, पीथमपुर, उज्जैन शामिल होंगे. इसे मिलाकर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनेगी, जो पूरे प्लानिंग एरिया के लिए 2050 तक की विकास योजना बनाएगी. आईडीए का नगर निगम में विलय होगा. महापौर, पार्षदों के अधिकार पूर्ववत रहेंगे, पर सभी इस अथॉरिटी में शामिल होंगे. मेट्रोपॉलिटन का प्रस्ताव टीएंडसीपी ने बनाया था.
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