इंदौर: आईआईटी इंदौर शुरू करेगा टेक्निकल विषयों की संस्कृत में पढ़ाई
- अब संस्कृत भाषा में छात्र करेंगे तकनीकी विषयों की पढ़ाई संस्थान द्वारा क्लासिकल साइंटिफिक विषयों को पढ़ने का होगा अलग कोर्स दो पार्ट में होंगे कोर्स, पहले पार्ट में छात्रों के अंदर संस्कृत में बात करने की स्किल डेवलप की जाएगी
इंदौर। आईआईटी इंदौर ने तकनीकी विषयों की पढ़ाई के लिए नया प्रयोग जारी किया है. संस्थान ने तकनीकी विषयों को पढ़ाए जाने के लिए हिंदी और इंग्लिश भाषा के स्थान पर संस्कृत भाषा का प्रयोग किए जाने का फैसला लिया है.
अब आईआईटी के छात्र अपनी तकनीकी विषयों की पढ़ाई संस्कृत भाषा में कर सकेंगे.
इसके लिए अलग कोर्स का प्रावधान होगा. इसमें छात्र अपनी रूचि के अनुसार इस कोर्स का चयन कर सकेंगे.
इस कोर्स की पढ़ाई के लिए अलग-अलग देशों के लोगों ने भी पंजीकरण करा लिया है.
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर जो भी कार्य करता है, उसे उसी के नाम से जाना जाता है.इसी कड़ी में अब एक और उपलब्धि शहर के नाम जुड़ गई है.
ये उपलब्धि आईआईटी इंदौर द्वारा की एक अनूठी पहल है. संस्थान द्वारा क्लासिकल साइंटिफिक विषयों को पढ़ने का एक अलग कोर्स तैयार किया गया है.
इस कोर्स के तहत छात्रों को टेक्स्ट के ओरिजिनल फॉर्म में पढ़ने के साथ साथ संस्कृत में उन पर चर्चा भी करना होगा. कोर्स अगस्त से लेकर अक्टूबर तक चलेगा.
आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर नीलेश कुमार जैन ने बताया कि संस्कृत काफी पुरानी भाषा है, जिसका उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में किया जा रहा है और ये भविष्य की भाषा के तौर पर उभरेगी.
उन्होंने कहा कि, हम काफी खुश है कि, हमने लोगों को इससे जोड़ने की शुरुआत की. ये सिर्फ शौक लिए नहीं बल्कि हमारी जरूरत भी है. ये खास इसलिए भी है क्योंकि. इस बार इसे तकनीक से जोड़कर पेश किया जा रहा है.
विश्व भर से लोगों ने कराया पंजीकरण
कोर्स के को-ऑर्डिनेटर , प्रोफेसर डॉ. गांती एस मूर्ति ने कहा कि हमारे ज्यादातर भारतीय वैज्ञानिक ग्रंथ संस्कृत में हैं इसलिए इन टेक्स्ट्स को पढ़ने के उद्देश्य के साथ संस्कृत की जानकारी होना काफी महत्त्वपूर्ण है.
ताकि इस विरासत को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व से करीब 750 लोगों ने इस कोर्स के लिए अप्लाई किया है. हम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सपोर्ट की वजह से काफी उत्साहित हैं
दो भागों में होगा कोर्स
ये कोर्स दो पार्ट्स में संचालित होंगे. पहले पार्ट में हिस्सा लेने वाले छात्रों के अंदर संस्कृत में बात करने की स्किल डेवलप की जाएगी. ये उन लोगों के लिए होगा जिनके पास किसी भी तरह की संस्कृत में कोई जानकारी नहीं है, जबकि इसके दूसरे भाग का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत भाषा में टेक्निकल विषयों को समझने की योग्यता विकसित करना होगा.
लेक्चर के साथ साथ संस्कृत में चर्चा भी होगी, जिसमें संस्कृत के एक्स्पर्ट्स कक्षा लेंगे. इसमें सभी प्रतिभागियों का हिस्सा लेना जरूरी होगा.
इसमें हिस्सा लिए बिना सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. पार्ट-2 की तैयारी की जांच के लिए एक क्वालीफाइंग परीक्षा भी करवाई जाएगी.
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